वित्त मंत्रालय के अधीन वित्तीय विभाग में अभी भी कई नौकरशाह ऐसे हैं जो गांधी परिवार को बचाने के लिए किसी हद तक जाने को तैयार हो जाते हैं। नेशनल हेराल्ड केस मामले में जिस कर चोरी के मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष राहुल गांधी जमानत पर बाहर हैं, उस मामले को रफा दफा करने की नीयत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) में बैठे नौकरशाहों ने 31 दिसंबर को चुपके से एक नया सर्कुलर जारी कर दिया था। साल का आखिरी दिन था, इसकी आड़ लेकर ही कांग्रेस के पालतू नौकरशाहों ने नियम बदल दिया।
इस सर्कुलर के तहत जारी किए गए नए शेयर को कर लगाने से मुक्त कर दिया था। लेकिन जैसे ही इस बात की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हुई उन्होंने इस पर संज्ञान लिया। उनके संज्ञान लेने के 24 घंटे के अंदर सीबीडीटी ने अपनी गलती सुधारते हुए उस सर्कुलर को वापस ले लिया। लेकिन इस बीच कांग्रेस ने आनन-फानन में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला कर सीबीडीटी द्वारा जारी सर्कुलर सोनिया गांधी और राहुल गांधी को निर्दोष साबित करने वाला बताते हुए उसका स्वागत किया। जबकि महज 24 घंटे के अंदर नए जारी शेयर को कर मुक्त करने वाले कानून को पूर्ववर्त बहाल कर दिया गया।
लेकिन जिस प्रकार नौकरशाह ने चुपके से नियम बदला है उस पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रमनियन स्वामी ने सवाल खड़ा किया है।
The CBDT circular issued giving a clean chit to the NH share transfers from AJL to Young Indian and then a withdrawal of the same circular 24 hours later requires a high level probe. Was the issuance by CBDT cleared at the MoF level or not?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) January 5, 2019
इस संदर्भ में स्वामी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि जिस प्रकार नेशनल हेरॉल्ड के शेयर को एजेएल से यंग इडिया में ट्रासंफर करने को क्लीन चिद देने के लिए सीबीडीटी सर्कुलर जारी किया गया और फिर 24 घंटे के अंदर उस सर्कुलर को वापस लिया गया है यह एक गंभीर मामला है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि निश्चित रूप से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाते हुए लिखा है कि क्या सीबीडीटी द्वारा जारी सर्कुलर को क्या वित्त मंत्रालय के स्तर पर क्लियरेंस मिला था या नहीं? स्वामी के इस प्रकार के सवाल से साफ होता है कि वित्त मंत्रालाय में कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो अभी भी कांग्रेस के गांधी परिवार को हर सूरत में बचाना चाहते हैं।
गौरतलब है कि यह मामला नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाले एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) के मामले से जुड़ा है। यह मामला अभी हाईकोर्ट में लंबित है। इसी मामले के तहत कर चुराने के आरोप में मां-बेटे सोनिया और राहुल गांधी बेल पर हैं। वहीं हेरॉल्ड हाउस को खाली करने का मामला भी कोर्ट में लंबित है। मालूम हो कि कोर्ट ने तो हेरॉल्ड हाउस खाली करने का आदेश दे भी दिया है, लेकिन गांधी परिवार ने कोर्ट के इस आदेश को चुनौती दे रखा है।
मालूम हो कि भाजपा के नेता सुब्रमनियन स्वामी ने नेशनल हेरॉल्ड अखबार प्रकाशित करने वाले एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) के अधिग्रहण में धोखाधड़ी होने की शिकायत की थी। उनकी शिकायत पर जांच होने से साफ हो गया है कि हेराल्ड हाउस को अवैध तरीके से अधिग्रहण किया गया था। इसी आधार पर कोर्ट ने दो सप्ताह के अंदर हेराल्ड हाउस खाली करने की चुनौती दी थी।
URL : saving Gandhi family the bureaucrat changed the rule secretly in NH case!
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