सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा का मुखौटा आज सुप्रीम कोर्ट में उतर गया। सुप्रीम कोर्ट ने जिस जांच रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में सौंपने को कहा था, आरोप है कि आलोक वर्मा एंड टीम उसे वामपंथी वेबसाइट द वायर एवं सोनिया राहुल के मालिकाना हक वाले नेशनल हेराल्ड व नवजीवन को सप्लाई कर रहे थे। ताज्जुब की बात है कि सीवीसी ने आलोक वर्मा को जवाब देने के लिए प्रश्नों की जो सूची सौंपी थी, वह पूरी सूची द वायर के पास मिली है और इसने उसका दावा भी किया है।
https://www.youtube.com/watch?v=AzZPk4pvsPg
अब यह जाहिर सी बात है कि यह कॉपी खुद उड़ कर तो गई नहीं, बल्कि आलोक वर्मा या उसकी टीम ने ही अर्बन नक्सल नंदिनी सुंदरम के पति और वामपंथी पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन और पी. चिदंबरम के बेहद खास रहे वेणु के thewire को सौंपी है। इससे पहले यही सीबीआई पी. चिदंबरम के खिलाफ जांच की रिपोर्ट भी सुप्रीम कोर्ट से पहले चिदंबरम की कोठी पर पहुंचा चुका है।
सुप्रीम कोर्ट के अंदर हुए इस खुलासे के बाद आज यह भी साबित हो गया कि किस तरह से आलोक वर्मा राहुल गांधी के इशारे पर काम कर रहे थे! अन्यथा राफेल पर आलोक वर्मा कार्रवाई करने जा रहे हैं इसका दावा राहुल गांधी बड़े चौड़े होकर मीडिया में कैसे कर रहे थे, जबकि सीबीआई में तो इसकी कोई प्राथमिकी भी दर्ज नहीं हुई थी? यह भी अप्रत्यक्ष तरीके से साबित हो गया कि सीबीआई के आलोक वर्मा की ही टीम के मेंबर डीआईजी मनीष कुमार सिन्हा जैसे अधिकारी भी राहुल गांधी को राज्यों में चुनाव जीताने के लिए बिना आधार के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पर आरोप मढ़ रहे थे, जिसे तत्काल राहुल गांधी टवीट कर चुनावी माहौल बनाने में जुटे थे।
राहुल गांधी का टवीट
दिल्ली में 'चौकीदार ही चोर' नामक एक क्राइम थ्रिलर चल रहा है|
नए एपिसोड में CBI के DIG द्वारा एक मंत्री, NSA, कानून सचिव और कैबिनेट सचिव के खिलाफ गंभीर आरोप हैं।
वहीं गुजरात से लाया उसका साथी करोड़ों वसूली उठा रहा है|
अफ़सर थक गए हैं| भरोसे टूट गए हैं| लोकतंत्र रो रहा है| https://t.co/Tng5uu6m5q
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 20, 2018
मंगलववार को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के वकील फली नरीमन को कुछ दस्तावेज देते हुए पूछा कि आलोक वर्मा से जो जवाब सीलबंद लिफाफे में मांगे गए थे, वो मीडिया में कैसे लीक हो गए?
राहुल गांधी के मालिकाना हक वाले नवजीवन का टवीट
सीबीआई डीआईजी का सनसनीखेज़ आरोप: मोदी के मंत्री ने ली रिश्वत, डोवाल ने अस्थाना के घर छापा मारने से रोका #CBI #ModiGovernment https://t.co/H1YR8TOI6j
— Navjivan (@navjivanindia) November 19, 2018
SC ने नरीमन से सख्त लहजे में नाराजगी जाहिर की और सुनवाई 29 नवंबर तक टालने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में आलोक वर्मा के वकील से कहा कि संस्थानों का सम्मान और उनकी मर्यादा बनी रहनी चाहिए। चीफ जस्टिस ने अपनी टिप्पणी में यहां तक कह दिया कि आपमें से कोई भी सुनवाई के लायक नहीं है।
आलोक वर्मा की लीक रिपोर्ट, जो द वायर में छपी…
गौरतलब है कि आलोक वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप की जांच रिपोर्ट सीवीसी ने 12 नवंबर को कोर्ट में सौंपी थी। इसके बाद 16 नवंबर सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा से कहा था कि वह सीवीसी रिपोर्ट पर 19 नवंबर तक अपना जवाब दे। कोर्ट ने आलोक वर्मा से सीलबंद लिफाफे में जवाब मांगा था, लेकिन अदालत से पहले ही यह जवाब कांग्रेस के प्रिय वेबसाइट के पास पहुंच गया। जिसके आधार पर इस वेबसाइट ने मोदी सरकार को बदनाम करने का अभियान चलाया और इसमें उसे राहुल गांधी, उनके टवीट एवं पूरी कांग्रेस पार्टी की मदद मिली।
URL: sc expresses displeasure over leak of cbi director Alok verma confidential reply
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