एक संपत्ति विवाद की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि समाज में हिंदू महिला और मुसलिम पुरुष के बीच विवाह अवैध ही नहीं बल्कि अनियमित है। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि कानून के गलत आड़ लेकर लोग सामाजिक ताना बाना को चरमराने पर तुले हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश देश में लव-जिहाद की आड़ में मजहब बदलने के खेल में शामिल लोगों के मुंह पर करारा तमाचा भी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि इस प्रकार की शादी के बाद महिला को भत्ता का तो हक होगा लेकिन पति की संपत्ति में कोई हक नहीं होगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में बताया कि बच्चे को अपने पिता की संपत्ति में पूरा हक होगा।
केरल हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एनवी रमन तथा एमएम शांतगोदर की पीठ ने कहा कि मूर्ति पूजा करने वाली तथा अग्नी को पूजने वाली किसी हिंदू लड़की से किसी मुसलिम पुरुष की शादी न तो वैध हो सकती है न ही मान्य है। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी किसी भी शादी को अनियमित करार दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस प्रकार की शादी से पैदा हुई संतान को अपने पिता की संपत्ति पर पूरा हक होगा। मालूम हो कि केरल हाईकोर्ट ने मोहम्मद इलियास और हिंदू लड़की वल्लिमा से पैदा हुआ बेटा को जायज बताया था और उसे अपने पिता की संपत्ति का हकदार बताया था।
गौर हो कि इलियास और वल्लिमा के बेटे शम्सुद्दीन ने पिता के निधन के बाद उनकी संपत्ति पर हक होने का दावा किया था। जबकि उसके चचेरे भाई ने वल्लिमा को हिंदू महिला बताकर उसका विरोध किया था। इस विवाद में केरल हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने दोनों के विवाह को तो अवैध ठहरा दिया लेकिन उसके बेटे को जायज बताते हुए उसे संपत्ति का भी हकदार बताया।
URL : SC ordered that marriage of hindu women and muslim men illegal !
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