कैसा समय आ गया है, लोग अब विकास कार्य को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाने लगे हैं। काशी में गंगाघाट से लेकर बाबा विश्वनाथ मंदिर तक बन रही चौड़ी सड़क पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विकास परियोजना में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से दोनों याचिकाकर्ताओं को करारा झटका लगा है। मालूम हो कि बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा के लिए अधिकृत जितेंद्र नाथ व्यास तथा ज्ञान वापी मस्जिद के मौलाना अब्दुल बतिन नोमानी ने इस विकास परियोजना पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
मुख्य बिंदु
* काशी में गंगा घाट से विश्वनाथ मंदिर तक चौड़ी सड़क बनाने की चल परियोजना पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार
* याचिकाकर्ता जितेंद्र नाथ व्यास तथा ज्ञान वापी मस्जिद के मौलाना अब्दुल बतिन नोमानी ने रोक लगाने की दी थी याचिका
गौरतलब है कि इस विकास परियोजना को पूरा करने के लिए काशी के जिलाधीश ने विश्वनाथ मंदिर तथा ज्ञानबापी मंदिर के बीच खड़ी दीवारी को गिराने का आदेश दिया है। यह आदेश गंगा घाट से सीधे विश्वनाथ मंदिर तक यात्रियों को सीधे पहुंचने के लिए बनाई जा रही चौड़ी सड़क के निर्माण के लिए दिया गया है। लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो विकास कार्य में भी धार्मिक बात को सामने ले आते हैं।
जितेंद्र नाथ व्यास तथा मौलाना अब्दुल बतिन नोमानी का कहना है कि इससे इस पुराने शहर का सौहार्द बिगड़ेगा। इसलिए इन लोगों ने विकास कार्य को बाधित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में इस परियोजना पर रोक लगाने की याचिका दायर कर दी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्टर रूप से इस मामले में हस्तक्षेप करने से मना करते हुए दोनों याचिकाकर्ताओं को करारा झटका दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के जज अरुण मिश्रा तथा विनीत शरण की बेंच ने याचिकाकर्ता की याचिका में कोई दम नहीं होने की वजह से इस मामले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है। दोनों न्यायधीशों का कहना है कि विगत 30 सालों में काशी एक शांतिप्रिय शहर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इस विकास कार्य से शहर में आपसी सौहार्द्र बिगड़ने की बात महज आपकी धारणा पर टिकी है। आपकी याचिका में कोई दम नहीं है। इसलिए इस प्रकार की याचिका दायर कर आप वहां उत्पात मचाने की कोशिश मत करिए, क्योंकि आपकी इस करनी से वहां शांति भंग होगी और भावनाएं भड़केंगी।
गौरतलब है कि यहां पर सड़क बनाने का काम एक बार संजय गांधी ने शुरू करने का प्रयास किया था। लेकिन उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संजय गांधी के इस विकास कार्य में अड़चन डलवा कर उसे डस्टबीन में डलवा दिया है। लेकिन योगी सरकार ने विश्वनाथ महादेव के दर्शन करने के लिए आने वाले भक्तों की सुविधा के लिए गंगा तट से सीधी मंदिर तक चौड़ी सड़क बनाने की योजना शुरू करवाई है।
URL : SC refused to intervene development project in Kashi!
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Supreme Court refused to intervene in the Ganga-Kashi Vishwanath pathway project
https://m.hindustantimes.com/india-news/supreme-court-refuses-to-intervene-in-ganga-kashi-vishwanath-pathway-project/story-QWV8x7iXAVG7KQUuhFWwrK_amp.html?fbclid=IwAR1oeGiSbRyKIgmJvg2EZqc4h3SEfkhIl3q-DF1BmcUylbE_2zpB1bcwduw#referrer=https%3A%2F%2Fwww.google.com&_tf=From%20%251%24s