अर्चना कुमारी। रोहिणी अदालत में पिछले दिनों बम धमाका हुआ था और इस धमाके को एक वैज्ञानिक ने अंजाम दिया था। पुलिस का दावा है कि यह कोई आतंकी हमला नहीं बल्कि एक पड़ोसी वकील को मारने के इरादे से रची गई वैज्ञानिक की साजिश थी । स्पेशल सेल ने इस मामले में डीआरडीओ के वैज्ञानिक भारत भूषण कटारिया को गिरफ्तार किया ,जो अशोक विहार इलाके का रहने वाला है।
जांच टीम ने मामले में की गई गहन जांच के बाद आरोपी को पकड़ा है। इसके खिलाफ मिले प्रर्याप्त सबूत के बाद ही यह कार्रवाई की गई। गौरतलब है कि नौ दिसंबर की सुबह करीब साढ़े दस बजे रुम नंबर 102 रोहिणी कोर्ट में कम शक्ति वाला बम धमाका हुआ था। इस घटना की चपेट में आने से एक पुलिसकर्मी घायल हो गया था। मामले में पुलिस ने हत्या की कोशिश और एक्सपलोसिव एक्ट सम्बंधी धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था। जबकि पुलिस ने जब मामले की तहकीकात की तो पता चला काले रंग के बैग में टिफिन में रिमोट के जरिए धमाका कराया गया था।
पुलिस का कहना है कि घटना वाले दिन कोर्ट परिसर में आने वाले एक हजार से ज्यादा वाहनों, कोर्ट के अंदर और बाहर लगे सौ से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे की फुटेज चैक की गई। इसके अलावा टेलीफोन के डाटा को खंगाला गया और मिले सबूत के आधार पर यह पाया गया कि इस घटना के पीछे भारत भूषण कटारिया जिम्मेदार है। उसका एडवोकेट अमित वशिष्ठ से विवाद चल रहा है। जहां बम प्लांट किया गया, उसके आगे ही वकील बैठा हुआ था।
बम धमाका होने से पहले अमित वशिष्ठ ने भारत भूषण को कोर्ट के अंदर ही देखा भी था और वह अपना जान बचाने में सफल रहा। दरअसल पुलिस को सुराग मिला कि आरोपी भारत भूषण कटारिया सुबह 9 बजकर 33 मिनट पर कोर्ट के अंदर दाखिल हुआ था। उसने काले रंग का कोट पैंट पहन रखी थी, जिसमें वह वकील जैसा ही लग रहा था।
उसने हाथ में दो बैग पकड़ रखा था, जबकि कमर पर लैपटॉप बैग ले रखा था। वह गेट नंबर सात से कोर्ट में दाखिल होता नजर आया था। वह कोर्ट रुम तक जाने के बाद वापस इसी गेट से बाहर भी निकल गया। इसके बाद वह फिर से गेट नंबर आठ से अंदर घुसा था। कोर्ट बिल्डिंग में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में उसकी भूमिका संदिग्ध नजर आई।
आखिर में वह 10 बजकर 35 मिनट पर जल्दबाजी में गेट नंबर आठ से बाहर निकलता नजर आया। लेकिन इस बार उसके हाथ में एक बैग नहीं था। केवल लैपटॉप बैग उसने टांग रखा था। फुटेज के अध्ययन से ही यह शख्स संदेह के घेरे में आया और उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। तहकीकात में पता लगा भारत भूषण का एक रिश्तेदार अनिल कटारिया मेडिकल उपकरण बनाने वाली एक मल्टीनेशनल कंपनी में डायरेक्टर सेल्स एंड मार्केटिंग है।
उसने काले रंग कई बैग अपने रिश्तेदारों को बांटे थे, जिनमें भारत भूषण कटारिया भी शामिल है। अपने पड़ोसी वकील को मारने के लिए उसने इस तरह का धमाका का प्लान किया और उसे अंजाम दिया । उसने खुद बम बनाया और रिमोट के जरिए इसमें धमाका कराया। इसके बाद उसके घर की तलाशी ली गई जहां पर कुछ आपतिजनक साम्रगी, दस्तावेज, इलैक्ट्रोनिक डिवाइस जैसे लैपटॉप व मोबाइल बरामद किया।
साथ ही घटना के समय उसने जो काले रंग का कोट और पैंट पहन रखी थी उसे भी जब्त किया गया। छानबीन में पता चला है कि आरोपी भारत भूषण और एडवोकेट अमित वशिष्ठ के बीच दस साल से ज्यादा वक्त से एक दूसरे से विवाद चल रहा है। इन्हाेंने एक दूसरे के ऊपर अपराधिक और सिविल केस दर्ज करवा रखे हैं। आरोपी भारत भूषण के खिलाफ इन्हीं में से एक केस की तारीख नौ दिसंबर को कोर्ट नंबर दो में थी।
जहां आरोपी बम रखकर रिमोट से धमाका किए जाने के बाद फरार हो गया था। इस धमाके को अंजाम देने के बाद वह कोर्ट परिसर से पैदल ही रिंग रोड की तरफ निकल गया, जहां आगे वह इर्टिगा कार से घर तक पहुंचा।आरोपी ने पूछताछ में कहा कि वह अमित वशिष्ठ को मारना चाहता था। क्योंकि वह कानूनी लडाई से परेशान हो चुका था।
इससे उसके करियर पर तो असर पड़ ही रहा था, साथ में परिवार भी मानसिक रुप से परेशान था। धमाके में अमोनियम नाइट्रेट नामक मैटेरियल इस्तेमाल हुआ, वह बम बनाने में आसानी से उपलब्ध हो गया था। आईईडी में केवल डेटेानेटर ही ब्लास्ट हुआ था, विस्फोटक में धमाका नहीं हुआ था। यदि पूरा बम फटता तो बड़ा धमाका होता। बम धमाके में रिमोट का प्रयोग हुआ था। वह एंटी ऑटो थेफ्ट रिमोट था, जो गाडियां में इस्तेमाल होता है।