खुद को खुदा समझने वाला
महामूर्ख मानव है इतना , नश्वरता पर जान छिड़कता ;
अजर-अमर जो सदा एकरस,उसपर कुछ भी ध्यान न देता।
खुद को खुदा समझने वाला , अब्बासी – हिंदू जो नेता ;
देव – मूर्तियां – मंदिर तोड़े , गलियारा बनवाता जाता ।
पता नहीं क्या अंत पायेगा ? इसको कैसा नर्क मिलेगा ?
जहां कहीं भी ये जायेगा , उसको चौपट कर जायेगा ।
इसको जीते जी सजा मिलेगी , “नोटा” के हथियार से ;
“हिंदू का ब्रह्मास्त्र” है “नोटा”, मुक्ति दिलाये अत्याचार से ।
हिंदू ! अब न धोखा खाना,क्षण-प्रतिक्षण तुम जागते रहना ;
अब्बासी-हिंदू है धर्म का दुश्मन,इसके चक्कर में मत आना।
सौ में नब्बे झूठी कहता , शांति का मजहब कहने वाला ;
सबके साथ की बातें करता , तेरा गला कटाने वाला ।
सबसे – गंदी राज्य – व्यवस्था , पूरी-दुनिया में भारत की ;
धर्म – विरोधी राष्ट्र – विरोधी , जड़ें खोदते भारत की ।
जैसी भी है “न्यायपालिका” , वो ही हमें बचाये है ;
वरना ज्यादातर सरकारें , केवल हिंदू को सताये हैं ।
जितने भी हैं धर्म – विरोधी , पूरे – पूरे भ्रष्टाचारी ;
भोग – विलास में डूबे हुये हैं , पूरे – पूरे व्यभिचारी ।
इनका कोई धर्म नहीं है , सब मतलब के यार हैं ;
पैसा लेकर देश बेच दें , ऐसे ये गद्दार हैं ।
हिंदू सदा से भोला – भाला , अलतकिया से दूर है ;
अलतकिया सिद्धांत है उनका , छल-बल से भरपूर है ।
अपनी रक्षा कर न सकेगा , धर्म-युद्ध अभ्यस्त है हिंदू ;
इसीलिये है अत्यावश्यक , अच्छी सरकार बनावे हिंदू ।
केवल अच्छीसरकार ही लाये,कानून-व्यवस्था और सुशासन
अच्छी सरकार मिलेगी कैसे,जब हो “नोटा” का अनुशासन।
“हिंदू का ब्रह्मास्त्र” है “नोटा”, परमावश्यक है इसे चलाओ ;
केवल इसमें ही ताकत है , अब्बासी-हिंदू को मार भगाओ ।
सारे देश के हिंदू – वोटर , सारे मिलकर तय कर लेना ;
जहां-जहां अब्बासी- हिंदू , उसको केवल “नोटा” करना ।
ज्यों ज्यों हारे अब्बासी-हिंदू , धर्म-सनातन विजयी होगा ;
कट्टर-हिंदू सरकार बनेगी , भारत का भाग्य जागरण होगा ।
हिंदू का दुर्भाग्य यही है , नेता जो अब्बासी – हिंदू ;
हर चुनाव में इसे हराकर , भारत – राष्ट्र बनाओ हिंदू ।