आईएसडी नेटवर्क।कोविशील्ड वैक्सीन लेने से दिमागी समस्याओं के आरोप को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया ने सिरे से ख़ारिज कर दिया है। रविवार की रात ये खबर तेज़ी से फैली कि वैक्सीन परीक्षण के तीसरे चरण के समय चेन्नई के एक वालेंटियर को ये टीका लगाया गया था।
इस वालेंटियर ने आरोप लगाया कि वैक्सीन लगवाने के बाद उसे न्यूरोलॉजिकल समस्याएं आ रही हैं। वालेंटियर ने आरोप लगाने के साथ सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया से पांच करोड़ का हर्जाना मांग लिया। आरोप मीडिया में आने के कुछ घंटों बाद ही एसआईआई ने वालेंटियर के आरोप को ख़ारिज करते हुए उस पर सौ करोड़ का दावा ठोंक दिया।
चेन्नई के इस वालेंटियर ने विगत 21 नवंबर को इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (ICMR), ड्रग्स कंट्रोलर ऑफ़ इंडिया(DGCI), ब्रिटेन की एस्ट्रेजेनेका, ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ट्रायल के चीफ इन्वेस्टिगेटर, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट ऑफ़ लैबोरेट्रीज और रामचंद्र हायर एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर को क़ानूनी नोटिस भेज दिया था।
इस वालेंटियर ने गंभीर आरोप लगाते हुए ट्रायल तुरंत रोकने की मांग कर डाली थी। इसने आरोप लगाया था कि वैक्सीन लेने के बाद उसकी आँखों और बोलने की क्षमता प्रभावित हो गई है। उसके अनुसार ये वैक्सीन सुरक्षित नहीं है और इस पर रोक लगा देनी चाहिए। हालाँकि सूत्रों के मुताबिक ये वालेंटियर कनेक्टिव टिश्यू डिसॉर्डर से पीड़ित था।
ये बिमारी इम्यून सिस्टम के प्रभावित होने से हो जाती है। रविवार को एसआईआई ने वालेंटियर के आरोपों को खारिज करते हुए उस पर मानहानि के लिए सौ करोड़ का दावा ठोंक दिया। एसएसआई ने कहा कि उनकी समस्याओं के लिए वैक्सीन कहीं से भी जिम्मेदार नहीं है।
इंस्टीट्यूट ने कहा कि ये आरोप बेबुनियाद है, वैक्सीन के ट्रायल का उसकी बीमारी से कोई संबंध नहीं है। इसके बाद सरकार तुरंत हरकत में आई। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया और इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमिटी ने वालेंटियर के आरोपों की जाँच शुरु कर दी है।
अब वालेंटियर के मेडिकल रिकार्ड्स जांचे जाएंगे और इस बात की पड़ताल की जाएगी कि वालेंटियर का दावा कितना सत्य है। पता चला है कि वैक्सीन लगवाने वाला वालेंटियर चेन्नई का एक व्यापारी है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया देश की टीका बनाने वाली प्रमुख कंपनी है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने शनिवार को ही कोविशील्ड कंपनी का दौरा का वैक्सीन के कार्यों का जायजा लिया था। ये वैक्सीन अगले कुछ ही माह में भारत में लगाने की योजना पर काम चल रहा है।