अर्चना कुमारी। सीएए के विरोध के बाद दिल्ली में हुए दंगों के दौरान पिछले साल एक हेड कांस्टेबल पर कथित तौर पर बंदूक तानने वाले शाहरुख पठान का कहना है कि वह सिर्फ पुलिसवाला को डराना चाहता था । दरअसल उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी । अब अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी। पिछले साल दिल्ली में दंगों के दौरान पुलिस के एक हेड कांस्टेबल पर कथित तौर पर बंदूक तानने वाले शाहरुख पठान ने कोर्ट में अपने पक्ष में दलील दी है उसने गोली नहीं चलाई और वो केवल उन्हें डराना चाहता था।
लेकिन उसके दावे पर अभियोजन पक्ष ने एतराज जताया है। गौरतलब है कि पिछले साल राजधानी में सांप्रदायिक दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर बंदूक तानते हुए शाहरुख पठान की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इसके बाद दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने शाहरुख को 3 मार्च, 2020 को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद है। उसकी जमानत याचिका पर मामले की सुनवाई के दौरान शाहरुख की वकील मेनका गुरुस्वामी ने कोर्ट में घटना के समय का एक 26 सेकेंड का वीडियो भी चलाया है और कहा कि आरोपी ने दो गोलियां चलाईं थी ।
उसका इरादा पुलिसकर्मी को मारना नहीं था जबकि उसने एक गोली हवा में तथा दूसरी दाएं तरफ चलाई थी। जिसमें एक हवाई फायरिंग थी और दूसरी गोली सीधे चलाई और इसके बाद आरोपी शाहरुख पुलिस हेड कांस्टेबल दीपक दहिया से तीखी नोकझोंक की और फिर वापस लौट गया।
इस पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने वकील को दोबारा वीडियो चलाने को कहा और हवा में गोली चलाई जाने से ठीक पहले पठान की पिस्तौल की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया। उनका कहना था कि पिस्तौल की स्थिति को देखिए इसका निशाना सीधा है मतलब पुलिसकर्मी दीपक दहिया की तरफ उसका निशाना था। हालांकि बचाव पक्ष का दलील था कि दोनों बार गोली चलाई गई लेकिन उसका निशाना पुलिसकर्मी नहीं था जबकि पुलिस की तरफ से पेश विशेष लोक अभियोजक अनुज हांडा ने कहा कि आरोपी ने साफ तौर पर पुलिसकर्मी पर पिस्तौल तानी थी और उसका इरादा पुलिसकर्मी का जान लेना था।