रजनीश कपूर वृंदावन, 26 अगस्त, द ब्रज फ़ाउंडेशन के अध्यक्ष विनीत नारायण ने उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजा कांत मिश्रा के एक और शेखचिल्ली प्रस्ताव को निरस्त किए जाने पर भारत के रेल मंत्री का आभार व्यक्त किया है। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव को लिखे एक पत्र में नारायण ने कहा कि हमारी संस्था ‘द ब्रज फ़ाउंडेशन’ 2002 से ब्रज की धर्मिक और नैसर्गिक धरोहरों का जीरोणद्धर कर रही है।
दुर्भाग्य से एक अक्षम व अनुभवहीन सेवनिवृत पुलिस अधिकारी श्री शैलजाकांत मिश्रा को उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद का उपाध्यक्ष बना दिया गया है। अगर आप YouTube पर जा कर ‘Braj Today’ लिंक पर 28 टीवी रिपोर्ट देखें तो आपको श्री मिश्रा और उनके सहयोगियों द्वारा भगवान श्री कृष्ण की इस पावन भूमि पर किए गए भ्रष्टाचार और विनाश के अनेकों प्रमाण मिलेंगे।
इसके बावजूद श्री मिश्रा शेखचिल्ली जैसे फ़िज़ूल खर्ची वाले निरर्थक विचारों को लेकर नई-नई परियोजनाएँ प्रस्तावित करते रहते हैं। कुछ महीनों पहले इन्होंने मथुरा की सांसद हेमा मालिनी जी को साथ लेकर मथुरा – वृंदावन के बीच ‘मेट्रो रेल’ चलाने की घोषणा की। आपका आभार कि आपने इस मूर्खतापूर्ण प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। लेकिन आज के अख़बारों में मैने पढ़ा कि अब मथुरा-वृंदावन के बीच स्टैंडर्ड गेज की मोनो रेल की जगह 400 करोड़ रुपया खर्च करके ब्रौड गेज ट्रेन चलाई जाएगी। यह प्रस्ताव भी बेहद खर्चीला और अव्यवाहरिक है।
ज़रूरत इस बात की है कि मौजूदा स्टैंडर्ड गेज पटरी पर दिल्ली के रेल म्यूज़ियम की तरह ‘टौय ट्रेन’ चलाई जाए ।जिसमें आगे पीछे दो डीज़ल इंजन लगे हों और बीच में 20 डिब्बे। ‘ पुश-पुल’ मॉडल पर यह ट्रेन सुबह 5 बजे से रात के 10बजे तक हर घंटे चले। इससे यात्रियों को सुविधा देने के उद्देश्य की पूर्ति भी हो जाएगी और खर्च भी 15 करोड़ रुपए से ज़्यादा नहीं होगा।
आप चाहें तो इसकी तकनीकी और कलात्मक परिकल्पना व परियोजना द ब्रज फ़ाउंडेशन की टीम बनाकर आपके मंत्रालय को दे सकती है। आशा है करदाता के धन के की बर्बादी रोकने और आवश्यकता की पूर्ति के लिए व्यवाहरिक विचार को अपनाने पर आप गम्भीरता से विचार करेंगे।”