आईएसडी नेटवर्क। पोर्न मूवी केस अब देश का सबसे चर्चित केस बन गया है। केस की मीडिया रिपोर्ट्स रुकवाने के लिए शिल्पा शेट्टी ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका दी लेकिन कोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया। उल्लेखनीय है कि पोर्न मूवी केस में रिपोर्टिंग करने के लिए 29 मीडिया कर्मियों के विरुद्ध मुकदमा दायर किया गया था।
शुक्रवार को अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने पोर्न मूवी केस में 29 मीडिया कर्मियों और मीडिया कंपनियों के विरुद्ध बॉम्बे उच्च न्यायालय में मानहानि का दावा किया था। शिल्पा ने ‘झूठी रिपोर्टिंग’ और उनकी छवि ख़राब करने के मामले में ये मुकदमा दायर किया था। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने इस याचिका को तुरंत अस्वीकार कर शिल्पा को झटका दे दिया।
शुक्रवार को सुनवाई के समय न्यायालय ने कहा कि यदि हम शिल्पा शेट्टी के विरुद्ध मीडिया को रिपोर्टिंग करने से रोकते हैं तो प्रेस की स्वतंत्रता पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायामूर्ति गौतम पटेल ने निर्देश दिया कि निजी आईडी से यूट्यूब चैनलों पर अपलोड किये गए वीडियो भी हटा दिए जाए।
https://twitter.com/SunilBNJha/status/1421220163026788353
न्यायालय ने इस विषय पर कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता व्यक्ति के निजता के अधिकार के साथ संतुलित रखना होगी। न्यायालय ने सुनवाई के समय कहा कि शिल्पा शेट्टी ने अपनी याचिका में जिन लेखों का उल्लेख किया है, वे मानहानिकारक नहीं दिखाई देते। न्यायामूर्ति ने कहा कि यदि ये मामला आपके घर के अंदर हुआ होता, जहाँ आसपास कोई उपस्थित नहीं होता तो मुद्दा अलग होता।
उन्होंने कहा कि ये बाहरी लोगों की उपस्थिति में हुआ, फिर ये मानहानि कैसे हो गई। शिल्पा ने एक अंतरिम याचिका द्वारा मीडिया को किसी भी ‘गलत, झूठी, दुर्भावनापूर्ण और मानहानिकारक’ सामग्री प्रकाशित करने से रोकने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा ‘अच्छी या ख़राब पत्रकारिता क्या है, उसकी एक न्यायिक सीमा है, क्योंकि ये प्रेस की स्वतंत्रता से जुड़ा एक विषय है।
न्यायालय ने इस बात का उल्लेख किया कि वाद में उल्लेखित अधिकतर आलेख पुलिस सूत्रों पर आधारित हैं। एक आलेख में ये दावा किया गया था कि जब पुलिस कुंद्रा को घर पूछताछ के लिए लेकर गई तो शिल्पा और उसके बीच बहुत लड़ाई हुई थी।