अर्चना कुमारी । बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन इन दिनों बिहार की राजनीति कर रहे हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें झटका दिया । उच्चतम अदालत ने कथित रेप मामले में एक महिला की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी है।
जस्टिस एस रविंद्र भट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने शाहनवाज हुसैन की ओर से पेश वकीलों को बताया कि निष्पक्ष जांच होने दीजिए और साथ में यह भी कहा कि अगर मामले में कुछ नहीं होगा तो वे बच जाएंगे। गौरतलब है कि इस मामले को लेकर शाहनवाज हुसैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकल रोहतगी और सिद्धार्थ लुथरा ने पीठ को बताया कि शाहनवाज के खिलाफ शिकायतकर्ता महिला ने एक के बाद कई शिकायतें दर्ज कराई हैं और पुलिस ने इस मामले को लेकर जांच की है लेकिन जांच और कुछ नहीं मिला।
उनके वकील का कहना था कि शाहनवाज हुसैन पर लगातार हमले किए जा रहे हैं हालांकि, पीठ ने कहा कि हमें इसमें दखल देने का कोई कारण नहीं मिला है, इसलिए हमने उनकी याचिका खारिज कर दी है। गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल 17 अगस्त को शाहनवाज हुसैन की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी।
बताया जाता है कि इसके बाद 22 अगस्त 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा था जबकि बताया जाता है कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हुई सुनवाई में शाहनवाज हुसैन के वकील ने कहा था कि महिला की शिकायत फर्जी और मनगढ़ंत हैं जबकि सनद रहे 2018 में दिल्ली की एक महिला ने बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ रेप का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराने के लिए निचली अदालत का रुख किया था।
इस तरह की शिकायत पर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सात जुलाई 2018 को हुसैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे लेकिन बाद में इसे सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन याचिका खारिज कर दी गई थी। पुलिस सूत्रों का कहना है कि रेप केस में बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका मिला है और अब उन पर मामला दर्ज किया जाएगा और जांच भी की जाएगी।
कोर्ट ने कहा कि मामले की सही ढंग से जांच होनी चाहिए। इसमें दखल देने की वजह नजर नहीं आती। आप सही होंगे तो बच जाएंगे। पुलिस का कहना है कि कानूनी जानकारों की मदद ली जा रही है ।