श्वेता पुरोहित। 3 जून को ग्रह इस प्रकार degree wise रहेंगे : Sun – Venus – Ketu – Jupiter – Mercury सूर्य-शुक्र-केतु-गुरु-बुद्ध
*भृगु नंदी नाड़ी में त्रिकोण में बैठे हुए ग्रह साथ स्थित माने जाते हैं. ये युति बहुत कुछ बता रही है सूर्य और शुक्र केतु की डिग्री के आगे होंगे और गुरु तथा बुद्ध केतु के पीछे होंगे.
सूर्य (गवर्नमेंट) का कारक – शुक्र भारत का लग्नेश/शुक्र/महिला – केतु हस्त नक्षत्र में स्थित ध्वज/ Judiciary/ इतिहास/ पूर्वहुयीघटनाएं- गुरु वकील/ कोर्ट – बुद्ध मंत्री/ पॉलिसी/नीति/ संविधान.
क्योंकि सूर्य और शुक्र, केतु की डिग्री के आगे होंगे तो वो दोनों हस्त नक्षत्र में स्थित केतु के गुण लिए होंगे. सूर्य गवर्नमेंट का कारक है और शुक्र महिलाओं का कारक ग्रह है. शुक्र – केतु दादी- पोती का संबंध बता रहा है और क्योंकि केतु इतिहास का भी कारक ग्रह है, ऐसा लग रहा है कि इतिहास अपनेआप को दोहरा रहा है.
चुनाव परिणाम में हो सकता है कोर्ट का दखल!
** सूर्य-शुक्र-केतु-गुरु-बुद्ध की युति ये भी बता रही है कि 4 जून को मोदी सरकार और चुनाव आयोग litigation के केस और कोर्ट में फंसे होंगे और नयी सरकार बनने का रास्ता कोर्ट की सुनवाई से निकलेगा क्योंकि केतु, गुरु और बुद्ध तीनों Judiciary, कानून और वकील के द्योतक ग्रह हैं.
पाराशरी ज्योतिष के अनुसार भी भारत के लग्न में सूर्य-शुक्र-गुरु-बुद्ध पर केतु की दृष्टि ये बता रही है कि सूर्य षष्ठेश शुक्रऔर अष्टमेश गुरु का सूर्य के साथ होना opposition party की सरकार की ओर इशारा कर रही है.
इसका एक संकेत ये है कि भारत की अगली प्रधान मंत्री एक महिला हो सकती हैं. एक ऐसी महिला जो अपने हाथ में एक ऐसा ध्वज (केतु) लिए हो जिसमें हाथ 🤚 का चिह्न हो (हस्त नक्षत्र). ऐसी महिला एक ही दिखाई दे रही हैं और वो हैं प्रियंका गाँधी.
4 मार्च को केतु ने हस्त नक्षत्र में प्रवेश किया और उसके 6 दिन बाद प्रियंका गाँधी की सूर्य की महादशा 11 मार्च 2024 को शुरू हुयी है जो 2030 तक चलेगी. हस्त नक्षत्र का प्रतीक भी कॉंग्रेस पार्टी के चुनाव चिह्न हाथ का ही है इसलिए स्वतंत्र भारत के इतिहास में हर बार जब केतु ने हस्त में गोचर किया – वर्ष 1950, 1968, 1987, 2006 तब कॉंग्रेस केंद्र में सत्ता में रही है. ऐसा कभी नहीं हुआ कि केतु का हस्त में गोचर हुआ हो और कॉंग्रेस केंद्र में सत्ता में ना रही हो. वर्तमान में भी केतु 18 साल बाद फिर से हस्त नक्षत्र में लौट आया है। इसलिए कॉंग्रेस/ India की सरकार बनने की संभावना दिख है.
प्रियंका की कुंडली मिथुन लग्न की कुंडली है. सप्तम भाव में धनु राशि में सप्तमेश गुरु अपनी मूलत्रिकोण राशि में, लग्नेश बुद्ध और सूर्य के साथ स्थित हैं जो बहुत बड़ा राज योग है. इनके द्वितीय भाव में केतु स्थित हैं, दशम भाव में मंगल और षष्ठ भाव में नीच चंद्रमा हैं. ये बोलने में बहुत तेज तर्रार होने वाली हैं, जिसके उदाहरण हम चुनाव प्रचार में देख ही रहे हैं.
इनकी कुंडली में शनि और शुक्र में परिवर्तन है. कुंडली के शनि पर सूर्य, शुक्र, गुरु, बुद्ध और केतु का गोचर हो रहा है जो ध्वज कीर्ति योग बना रहे हैं. शनि का गोचर भाग्य स्थान में नवम भाव में शुक्र पर हो रहा है जो full time employment भी बता रहा है. केतु इनके चतुर्थ भाव से गोचर कर रहा है. चतुर्थ भाव राजा की गद्दी बताता है (the seat of power).
ये सब संकेत कर रहा है कि प्रियंका गांधी भारत की अगली प्रधान मंत्री हो सकती हैं.
मेरे पास बड़े महिला लीडरों में केवल प्रियंका गांधी वाड्रा की जन्मकुंडली है, इसलिए मैंने फिलहाल केवल उनकी कुंडली को ही देखा है। जैसे-जैसे अन्य महिला नेताओं की कुंडली मुझे मिलती जाएगी, मैं उसे देखते हुए इस लेख में अपडेट करती रहूंगी।

Kya hua bani to nahi pappu bhakat