विपुल रेगे। श्वेता तिवारी का वह बयान, जिस पर कल से हंगामा मचाया जा रहा है, वह वेब सीरीज ‘शो स्टॉपर’ को चर्चा में लाने की एक तिकड़म है। उस बयान को लेकर स्पष्टीकरण भी तुरंत आ गया है। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री को इस फ्रेम में लाया गया ताकि इस शो की चर्चा भारत के घर-घर में की जाए।
अपने कंटेंट को सुधारने की अपेक्षा बॉलीवुड चर्चा में आने के लिए ऐसे कार्य करता रहता है। मध्यप्रदेश की धरती पर सस्ती शूटिंग के लिए आने वाले बॉलीवुड का स्वागत करने की नीति भविष्य में बहुत से गंभीर परिणाम लेकर आने वाली है। अभिनेत्री श्वेता तिवारी भोपाल में अपनी वेब सीरीज ‘शो स्टॉपर’ के प्रमोशन के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित कर रहीं थीं।
इस वेब सीरीज की शूटिंग मध्यप्रदेश के विभिन्न स्थानों पर की जाने वाली है। शो स्टॉपर में एक ‘ब्रा फिटर’ का कैरेक्टर है। इस कैरेक्टर का नाम ‘भगवान’ रखा गया है। चूँकि दैनिक भास्कर जैसे बड़े अखबार ने स्पष्ट कर दिया है कि श्वेता तिवारी असली भगवान का नाम नहीं ले रही थी अपितु एक कैरेक्टर का नाम ले रही थीं। हाँ दैनिक भास्कर ये प्रश्न तो करेगा नहीं कि एक ब्रा फिटर का नाम कुटिलता से ‘भगवान’ क्यों रख दिया गया।
जब श्वेता तिवारी ने कहा ‘मेरी ब्रा का साइज भगवान ले रहे हैं’ तो मंच पर वे ठठाकर हंस पड़ी। श्वेता चाहती तो अपने को-स्टार का असली नाम भी ले सकती थीं , किन्तु उन्होंने ऐसा नहीं किया। ये दिखाता है कि श्वेता तिवारी ने ये बात सामान्य ढंग से नहीं बल्कि किसी प्रयोजन से कही थी। वे जानते थे कि उनकी इस वेब सीरीज को चर्चा में कैसे लाना है।
इस सुनियोजित पब्लिसिटी स्टंट में मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा जी भी न जानते हुए इसका हिस्सा बन गए। कैसे बन गए, इसको समझिये। भोपाल में जब प्रेस वार्ता में ये घटना हुई, तो उसी समय या कुछ देर बाद ये स्पष्टीकरण दे दिया गया था कि इसके कैरेक्टर का नाम ही भगवान रखा गया है। इस स्पष्टीकरण को बहुत देर बाद जनता के सम्मुख लाया गया।
तब तक गृहमंत्री भोपाल कमिश्नर को 24 घंटे में रिपोर्ट सौंपने की बात कह चुके थे। श्वेता तिवारी की प्रेस वार्ता भी कम हंगामेदार नहीं थी। उन्होंने इस शो के बहाने बताया कि भारत में महिलाओं की स्थिति बहुत खराब है। वे अपने माहवारी के दिनों में परेशानी उठाती हैं। वे अंडरगार्मेंट्स की दूकान पर पुरुष दुकानदार को देख असहज हो जाती है।
लज्जा महिलाओं का स्वाभाविक आभूषण माना जाता है और भारतीय महिलाओं में ये गुण पूर्णता के साथ उपस्थित है। भारतीय महिलाएं इन बातों को लेकर आम चर्चा करने में सहज अनुभव नहीं करती हैं। इसका अर्थ ये तो नहीं हो जाता कि उनकी सामाजिक स्थिति इन कारणों से खराब हो रही हैं। अपनी वेब सीरीज को समाज पर थोपने के लिए बॉलीवुड इस तरह के विचित्र कार्यकलाप किया ही करता है।
मध्यप्रदेश की पुरातात्विक संपदा और यहाँ का सघन वन क्षेत्र शूटिंग के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। यहाँ शूटिंग करना बड़ा सस्ता पड़ता है इसके अलावा मध्यप्रदेश सरकार महेश्वर जैसी अपनी पुरातात्विक संपत्ति ख़ुशी से बर्बाद करवाने के लिए मान जाती है। दो दिन पूर्व ही पर्यटन स्थल मांडू के रानी रूपमती महल में जब विकी कौशल की एक फिल्म को शूटिंग की आज्ञा देने में विलम्ब हुआ तो बॉलीवुड के बांउन्सरों ने पुरातत्व अधिकारी को ही पीट दिया।
और सरकार ने अब तक एक गिरफ्तारी करने का साहस नहीं दिखाया। श्वेता तिवारी की इस वेब सीरीज से मैं आपको एक चेतावनी याद दिलाना चाहता हूँ। एक वर्ष पूर्व ही इस मंच से कहा गया था कि भारतीय समाज पर सांस्कृतिक आतंकवाद का प्रहार होने जा रहा है और इसके लिए लगभग एक हज़ार स्क्रिप्ट तैयार है। अपितु भारत के समाज पर वैचारिक आक्रमण वर्तमान भारत सरकार को समझ नहीं आता।
विभिन्न अवसरों पर देखा गया है कि सरकार ने हिन्दी फिल्म उद्योग को लेकर नरम रवैया ही बनाए रखा है। ऐसे में इन वेब सीरीज का फ्लो कोई नहीं रोक सकता। और अपनी फिल्मों को बेचने के लिए भगवान नामक शब्द का प्रयोग करने से भी इन्हे नहीं रोका जा सकता।