नेट पर पता चला कि फिल्म समीक्षक तरण आदर्श को सिम्बा की सकारात्मक समीक्षा के लिए ट्रोल किया गया। ट्रोल करने वाले शाहरुख़ के प्रशंसक थे, जो ‘जीरो’ की निगेटिव रिव्यू के कारण उनसे नाराज़ थे। मल्टीप्लेक्स दर्शकों ने इसे ‘मिक्स रिव्यूज़’ दिए। उसके बावजूद फिल्म पहले दिन 28 करोड़ की शानदार ओपनिंग ले उड़ी। भारत के हिन्दी बेल्ट के दर्शक की समझ इंटरनेट को नहीं है। और ना न्यूज़ चैनलों को उस आम दर्शक की कुछ समझ है क्योंकि उनका कैमरा तो महंगे चमचमाते मल्टीप्लेक्स में ही दाखिल होता है। सिम्बा की जगमगाहट के पीछे रणवीर की स्टार इमेज का ओरा है।
2015 में प्रदर्शित हुई ‘टेम्पर’ की रीमेक सिम्बा कई मामलों में विस्फोटक है और कहीं-कहीं कमज़ोर लेकिन फिर भी युवा दर्शकों ने इसका स्वागत किया है। एक करप्ट पुलिसवाले का ट्रांसफॉर्मेशन हो जाने की आम कहानी कई बार स्क्रीन पर पेश की जा चुकी है और हर बार इस विषय की फिल्म अपने ‘ट्रीटमेंट’ के कारण सफल हो पाती है। ट्रीटमेंट सही नहीं है तो फिल्म पहले दिन धराशायी हो जाती है। निर्देशक रोहित शेट्टी ने अपनी चिर-परिचित शैली में फिल्म बनाई है। वही गोआ की लोकेशन, मराठी बोलने वाले किरदार, पारिवारिक पोलिस स्टेशन रोहित शेट्टी की स्टाइल है। हालांकि उनकी इस स्टाइल का दोहराव अब खतरे के लाल निशान को पार कर चुका है।
सिम्बा एक ऐसी एवरेज फिल्म है जो रणवीर सिंह के करिश्मे पर चलती है। यहाँ रणवीर नहीं होते तो फिल्म का नतीजा और कुछ होता। इस समय वे सफलता के रथ पर सवार हैं। उनकी फैन फॉलोइंग में सबसे अधिक युवा दर्शक हैं। और सबसे ऊपर ये कि वे अपने किरदार को सौ प्रतिशत देते हैं। संग्राम भालेराव का किरदार निःसंदेह सबसे प्रभावी किरदार रहा है। रणवीर के अभिनय और उनकी शानदार प्रेज़ेंस के लिए सिम्बा देखी जा सकती है। दरअसल इस फिल्म का केंद्रीय विचार ये है कि ‘मुंह बोली बहन के बलात्कार और हत्या के बाद एक भ्रष्टाचारी पुलिसवाले का दिल बदल जाता है’। इस केंद्रीय विचार के साथ जब आप फिल्म बनाते हैं तो नायक के प्रेम प्रसंग, अन्य किरदार गौण हो जाते हैं। सिम्बा में ऐसा ही हुआ है।
यहाँ सारा अली खान क्या कर रही हैं। निर्देशक रोहित शेट्टी ने उनका चुनाव कर बड़ी चूक कर दी। सिम्बा का रोमांस ट्रेक कतई प्रभावित नहीं करता। सारा अली खान बचकाना अभिनय करती हैं। उनके हिस्से में बहुत कम सीन आए हैं लेकिन वे बेजान दिखाई देती हैं। रणवीर और उनके बीच केमेस्ट्री दिखाई नहीं देती। इसका कारण उनका चेहरा है जो पारम्परिक चेहरों की तरह नहीं है। उन्होंने खुद को साबित न किया तो बहुत जल्द वे यहाँ से बाहर कर दी जाएंगी।
देश में बलात्कार को लेकर कोर्ट रूम ड्रामा और एक फर्जी एनकाउंटर को रोहित शेट्टी बारीकी से पेश नहीं कर पाए। शायद इस विषय पर उनकी गहरी पकड़ नहीं है। वह तो भला हो क्लाइमैक्स का, जिसने फिल्म को संभाल लिया। अजय देवगन का दमदार केमियो क्लाइमैक्स को अधिक उत्तेजक बना देता है। सिंगल थिएटर का दर्शक तर्क को घर पर रखकर सिनेमा देखने जाता है। उसे मनोरंजन की दरकार होती है जो सिम्बा में उन्हें भरपूर मिलता है। यदि आप एक मनोरंजक फिल्म देखना चाहते हैं तो सिम्बा आपको निराश नहीं करेगी।
URL: Ranveer Singh, Sara Ali Khan starrer Simmba hits the silver screen
Keywords: Simmba, Movie review, Ranveer Singh, Sara Ali Khan, Ajay Devgan, Rohit Shetty