अर्चना कुमारी। आबकारी नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत चाहिए और इसके लिए पूर्व उपमुख्यमंत्री ने दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत देने का अनुरोध किया। सिसोदिया ने दावा किया कि उन्हें कथित अपराध की आय से जोड़ने के लिए रकम के लेन देन (मनी ट्रेल) का कोई साक्ष्य नहीं मिला है और वह अन्य अभियुक्तों के समान राहत की मांग कर रहे हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता के वकील ने कहा कि सिसोदिया मामले में गवाहों को प्रभावित करने या सबूतों से छेड़छाड़ करने की स्थिति में नहीं हैं। इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है। दलील सुनने के बाद न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने सीबीआई के वकील के प्रतिवेदनों के लिये 26 अप्रैल की तारीख निर्धारित की।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कई दौर की पूछताछ के बाद 26 फरवरी को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को तैयार करने और लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।
इसी मामले को लेकर अरविंद केजरीवाल से भी पूछताछ की गई थी। गौरतलब है कि निचली अदालत ने 31 मार्च को इस मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि वह ‘घोटाले’ के ‘प्रथम दृष्टया सूत्रधार’ हैं और उन्होंने दिल्ली सरकार में उन्हें और उनके सहयोगियों के लिए 90-100 करोड़ रुपये की अग्रिम रित के कथित भुगतान से संबंधित आपराधिक साजिश में ‘सबसे महत्वपूर्ण और अहम भूमिका’ निभाई । उन्होंने अपनी पत्नी के बीमार होने के नाम पर भी जमानत मांगा लेकिन अभी तक जमानत दिया नहीं गया है।