कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सदन में सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में बोलते हुए रफाइल डील को लेकर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कई झूठे आरोप लगाए। लेकिन सीतारमण ने पूरे दस्तावेज व तथ्य के साथ सदन में ही राहुल गांधी के झूठ को एक्सपोज कर दिया। राहुल गांधी की अगंभीरता देखिए कि स्वयं के द्वारा लगाये गए आरोपों का स्पष्टीकरण सुनने के बजाए राहुल सदन से चले गए!
रक्षा मंत्री व प्रधानमंत्री मोदी पर राहुल गांधी द्वारा लगाए गये झूठे आरोप को मोदी सरकार ने गंभीरता से लिया है और उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है। सरकार का कहना है कि राहुल ने सदन को पूरी तरह से गुमराह कर सदन की गरिमा का हनन किया है।
राहुल गांधी का झूठ नंबर-1-Exposed
राहुल गांधी ने कहा कि जब मैं फ्रांस के राष्ट्रपति से मिला और इस डील के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा “भारत और फ्रांस के बीच सेक्रेट पैक्ट जैसा कोई डील है ही नहीं! फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा “मुझे कोई ऐतराज नहीं कि इसे पूरे देश में फैलाएं।” राहुल गांधी ने कहा कि इस डील के बारे में रक्षामंत्री निर्मला सीतामरण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों झूठ बोल रहे हैं!
चूंकि अपने संबोधन के दौरान राहुल ने सीधे सीतारमण पर आरोप लगाया था इसलिए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सीतारमण को अपना पक्ष रखने का मौका दिया। राहुल गांधी के बोलने के बाद तथ्य और दस्तावेज के साथ आई रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने राहुल गांधी के सारे झूठ का एक्सपोज कर दिया। उन्होंने सबसे पहले जनवरी 2008 का वह दस्तावेज दिखाया जो सोनिया गांधी नियंत्रित मनमोहन सरकार के कार्यकाल की थी। यूपीए सरकार के दौरान भारत-फ्रांस के बीच हुए समझोते की फाइल थी, जिसपर तत्कालीन रक्षामंत्री एके एंटनी का हस्ताक्षर था।
इस समझौते में सेक्रेट डील की बात साफ-साफ लिखी है। यानी दोनों में से कोई सरकार इस समझौते के तहत इसका खुलासा पब्लिक में नहीं कर सकती है। यानी यह समझौता ही मनमोहन सिंह सरकार ने किया था, तब के रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी ने उस पर हस्ताक्षर किया था और राहुल गांधी देश के सदन मे साफ-साफ झूठ बोल रहे थे। राहुल गांधी का पहला झूठ यहीं एक्सपोज हो गया, राहुल ने सफ़ेद झूठ बोलकर सनसनी पैदा करने की कोशिश की! अब सवाल राहुल पर उठता है कि क्या उन्हें अपने ही सरकार द्वारा किए समझौते की जानकारी नहीं थी? या फिर वह जानबूझ कर मोदी सरकार को बदनाम करने और जनता को गुमराह करने के लिए झूठ बोल रहे थे?
राहुल गांधी का झूठ नंबर-2 Exposed
राहुल गांधी ने दूसरा झूठ यह बोला कि वह फ्रांस के राष्ट्रपति से मिले थे और उनसे पूछा था राफेल सेक्रेट डील के बारे में। उन्होंने कहा कि इस पर फ्रांस के राष्ट्रपति ने जवाब दिया कि ऐसा कोई सेक्रेट डील हिंदुस्तान व फ्रांस के बीच नहीं हुआ, इसलिए आप इसे पूरे देश को बताइए। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे भी दस्तावेज से एक्सपोज करके रख दिया।
रक्षामंत्री ने एक अखबार में छपे फ्रांस के राष्ट्रपति का वक्तव्य सदन पर रखा। यह एक भारतीय अखबार की कटिंग थी। उस अखबार ने फ्रांस के राष्ट्रपति का साक्षात्कार लेते हुए पूछा था कि क्या आप उस सीक्रेट डील की जानकारी दे सकते हैं? इस पर फ्रांस के राष्ट्रपति ने साफ-साफ मना किया।
निर्मला सीतारमण ने सदन में कहा कि राहुल गांधी फ्रांस के राष्ट्रपति से पता नहीं कब मिले? लेकिन उसी दौरान भारतीय मीडिया ने फ्रांस के राष्ट्रपति से जो सवाल पूछा था और उन्होंने जो जवाब दिया था, वह छपे हुए रूप में मौजूद है। उस साक्षात्कार में फ्रांस के राष्ट्रपति ने स्पष्ट रूप से कहा था कि रफाइल डील को लेकर भारत-फ्रांस के बीच में सेक्रेट पैक्ट हुआ थी जिसके तहत उसे जाहिर करना मनाही था।
राहुल गांधी की गंभीरता देखिए कि वह झूठ बोलकर तो चले गये, लेकिन जब देश की रक्षा मंत्री उनके झूठ को दस्तावेज के साथ एक्सपोज कर रही थीं, तब राहुल सदन से गायब हो गये। स्वयं के द्वारा लगाये गए आरोपों का स्पष्टीकरण सुनने के बजाए राहुल सदन से चले गए! ऐसे अगंभीर व्यक्ति को देश का प्रधानमंत्री बनाने का प्रयास कांग्रेस की उस मानसिकता को दर्शाता है कि वह भारत की जनता को सदा से मूर्ख बनाती और समझती आयी है और उसी आधार पर वोट लेती आयी है।
फ्रांस सरकार ने खोली राहुल गांधी के झूठ की पोल देखिये विडियो देखिये विडियो:
लोकसभा अविश्वास प्रस्ताव से सम्बंधित अन्य ख़बरों के लिए नीचे पढें:
URL: sitharaman-hits-back-at-rahul-gandhi-after-lying-charges
keywords: no confidence motion against nda, motion of no confidence, Rahul Gandhi, Nirmala Sitharaman,