
तो सुलझ गई मनसुख की मर्डर मिस्ट्री?
Archana Kumari. महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक के बीच मुंबई एटीएस का दावा है कि मनसुख हीरेन की हत्या की गुत्थी सुलझा ली गई है। मुंबई पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को धर दबोचा है और इनमें एक मुंबई पुलिस का कर्मी तो दूसरा बुकी बताया जाता है।
मूल तौर पर बिहार कैडर के आईपीएस और फिलहाल गृह राज्य में प्रतिनियुक्ति पर चल रहे डीआईजी एटीएस शिवदीप वामन राव लांडे ने यह दावा करते हुए बताया कि मुंबई पुलिस के निलंबित सिपाही विनायक शिंदे और सटोरिए नरेश धारे को इस मामले में गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि अति संवेदनशील मनसुख हिरेन मर्डर केस की गुत्थी सुलझी। मैं अपने पूरे ATS पुलिस फ़ोर्स के सभी साथियों को दिल से सैलूट करता हूं जिन्होंने पिछले कई दिनों से रात-दिन एक कर के इस केस में न्याय पूर्ण तरीके से परिणाम निकाला।
ये केस मेरे पुलिस कैरियर का अब तक का सबसे जटिल केस में से एक रहा। मुंबई पुलिस के अनुसार यह गिरफ्तारी उसी दिन की गई जब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मनसुख हीरेन की मौत के मामले की जांच एनआईए को सौंपी थी।
दोनों आरोपियों को रविवार को अदालत में पेश किया गया। जहां से अदालत ने इन दोनों को ही 30 मार्च तक एटीएस की कस्टडी में भेज दिया। वैसे अब तक एटीएस ने यह नहीं खुलासा किया कि एंटीलिया के सामने मिले विस्फोटक लदी स्कॉर्पियो कार मालिक मनसुख की हत्या किस वजह से की गई और दोनों मामले आपस में किस प्रकार जुड़े हैं।
सबसे जरूरी सचिन बजे के मनसुख मौत मामले में क्या भूमिका थी इत्यादि। पुलिस सूत्रों की माने तो मुंबई एटीएस ने इस बारे में एनआईए को बताया है और एनआईए एटीएस द्वारा प्रस्तुत किए गए तथ्यों को वेरीफाई कर रही है।
सनद रहे ठाणे के व्यवसायी मनसुख की मौत की जांच शनिवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी गई थी जबकि मुंबई के एक पॉश इलाके में करवारी मुकेश अंबानी की आवास एंटीलिया के समीप विस्फोटकों से भरा वाहन पाए जाने के कुछ दिनों बाद मनसुख का शव नदी किनारे पाया गया था।
विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो की बरामदगी से जुड़े मामले और मनसुख मौत की जांच एनआईए कर रही है और उसने सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वजे को इस सिलसिले में गिरफ्तार किया।
मुंबई एटीएस का कहना है कि मनसुख मौत मामले में पकड़ा गया विनायक शिंदे लखन भैया फर्जी मुठभेड़ मामले में दोषी है और पिछले साल ही वह कुछ दिनों के लिए फरलो पर जेल से बाहर आया था। इस मामले में सचिन बजे की संलिप्तता भी जाहिर हुई है।
मुंबई एटीएस की पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों को एनआईए के हवाले कर दिया जाएगा। अब तक की जांच में सचिन वजे के इस केस से संबंध होने की जानकारी सामने आई है।
दोनों मामलों के तार एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और महाराष्ट्र पुलिस के सूत्रों ने कहा कि 4 मार्च की रात को मनसुख के मोबाइल लोकेशन अक्सर बदलते रहे। उसके मोबाइल फोन की लोकेशन तुंगेश्वर नेशनल पार्क थी।
रात में, अंतिम लोकेशन वसई शहर का था और तब जाकर फोन बंद हो गया। मनसुख का मोबाइल फोन बरामद होना अभी बाकी है। गौरतलब है कि25 फरवरी को अंबानी के घर के पास एक स्कॉर्पियो मिली जिसमें 20 जिलेटिन की छड़ें थीं।
बाद गाड़ी के मालिक मनसुख की संदिग्ध तरीके से मौत हो गई और मनसुख की पत्नी ने हत्या के पीछे सचिन वजे की भूमिका होने का आरोप लगाया। इसके बाद में एटीएस ने 13 मार्च को सचिन वजे को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस सूत्रोंं का कहना है कि मनसुख मामले में ATS को जो जांच में लीड मिली है उसके मुताबिक ATS ने जिस निलंबित सिपाही विनायक शिंदे को गिरफ्तार किया है वहीं कांदीवली क्राइम ब्रांच का अधिकारी तावड़े बनकर मनसुख को कॉल किया था जबकि विनायक किसी पुलिस थाने या क्राइम ब्रांच में था ही नही। अभी यह भी खुलासा नहीं हैै कि हत्या घोडबंदर में हुई या मुम्ब्रा में या विसई क्रीक में, हत्या कहीं और करके लाश कहीं और तो नहीं फेंक दिया गया
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