भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमनियन स्वामी ने यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम पर आतंकी संगठन लिबरेशन टाइगर्स तमिल इलम के सरगना वेलुपिलई प्रभाकरण के साथ सांठगांठ होने का आरोप लगाया है। गौर हो कि श्रीलंका की सेना ने अपने देश में गृह युद्ध के दौरान 18 मई 2009 प्रभाकरण को मार गिराया था। स्वामी ने कहा है कि श्रीलंका में गृह युद्ध के दौरान प्रभाकरण को बचाने के लिए पूर्व कैबिनेट मंत्री पी चिदंबरम ने नौसेना भेजने का आश्वासन दिया था। लेकिन प्रभाकरण को भारत की सरकार पर भरोसा नहीं था इसलिए वह बीच के रास्ते जंगल में फरार हो गया और अंत में प्रभाकरण मारा गया।
मुख्य बिंदु
* साल 2009 में श्रीलंका में हुए गृह युद्ध के दौरान तत्कालीन कैबिनेट मंत्री पी चिदंबरम ने प्रभाकरण को बचाने के लिए भेजी थी जलसेना
* सुब्रमनियन स्वामी ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम पर लगया प्रभाकरण से संबंध होने का आरोप
स्वामी ने यह आरोप तब लगाया था जब श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे स्वामी के निमंत्रण पर उनके कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दिल्ली आये थे । स्वामी के इस नए आरोप से भारतीय राजनीति एक बार फिर गरमाने वाली है। स्वामी ने अपने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्वीटर में लिखा है कि श्रीलंका में गृहयुद्ध के दौरान 2009 में पी चिदंबरम ने लिट्टे सरगना प्रभाकरण को संदेश भेजा था कि वे भारतीय नौसेना का इंतजार करें क्योंकि उन्हें बचाने के लिए भारतीय नौसेना पहुंच ही रही है। नौसेना मौके पर पहुंची भी लेकिन वह भारतीय नौसेना नहीं थी बल्कि श्री लंका के नौसेना वहां पहुंची थी। जबकि भारतीय नौसेना समझकर प्रभाकर बीच के रास्ते जंगल में भागने लगा और अंत में मारा गया। इससे साफ होता है कि उस समय सोनिया गांधी नियंत्रित मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार के ताकतवर मंत्री रहे पी चिदंबरम ने डबल गेम किया। स्वामी ने कहा है कि साल 2009 के मई के अंत में पी चिदंबरम ने सोनिया गांधी की तरफ से प्रभाकरण को संदेश भी भेजा था।
इसके अलावा स्वामी ने कहा है कि पी चिदंबरम ने प्रभाकरण को तो संदेश भेज दिया लेकिन भारत के वरिष्ठ अधिकारियों ने चिदंबरम के इस फैसले का कड़ा विरोध किया। इस विरोध के चलते भारतीय नौसेना प्रभाकरण को बचाने नहीं पहुंची। उधर कांग्रेस नेतृत्व ने भारत के प्लान बदल जाने के बारे में प्रभाकरण को सूचित ही नहीं किया। इसी गलफत लिट्टे सरगाना प्रभाकरण मारा गया।
वहीं स्वामी के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए दिल्ली दौरे पर आए श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति महेंद्र राजपक्षे ने कहा है कि श्रीलंका में गृह युद्ध के दौरान उत्तरी श्रीलंका को आतंकी संगठन लिट्टे के प्रभाव से मुक्त करने के लिए श्रीलंका और भारत सरकार ने मिलकर काम किया था। गौर हो कि 2009 में हुए गृह युद्ध के दौरान महेंद्र राजपक्षे ही श्रीलंका के राष्ट्रपति थे। उन्होंने कहा कि इस गृह युद्ध के दौरान दोनों देशों के तीन वरिष्ठ अधिकारी हमेशा एक दूसरे के संपर्क में रहते थे। गौर हो कि इन तीन अधिकारियों को ही ट्रायको कहा जाता था। ट्राइको की बैठक युद्ध के दौरान आधी रात में भी बैठक करती थी। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रभाकरण को बचाने के प्रयास में ट्राइको की भूमिका अहम थी।
मालूम हो कि केंद्र सरकार की स्पष्ट भूमिका नहीं होने के कारण ही तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री करुणानीधि ने अपनी दो पत्नियों के साथ मरीना बीच पर दो घंटे के लिए अनशन और प्रदर्शन किया था। बाद में श्रीलंका में तमिलों के खिलाफ जारी सैन्य संघर्ष में भारत सरकारी की कोई भूमिका नहीं होने के आश्वासन पर उन्होंने अपना अनशन खत्म किया। कहने का मतलब साफ है कि तत्कालीन केंद्र सरकार एक साथ सभी को धोखा दे रही थी। जबकि सच्चाई यह थी कि सोनिया गांधी और पी चिदंबरम के साथ लिट्टे सरगना प्रभाकरण के सांठगांठ होने की वजह से वे लोग सिर्फ और सिर्फ प्रभाकरण को बचाने में जुटे थे।
स्वामी के इस खुलासे के बाद तमिलनाडु में सत्ताधारी पार्टी एआईएडीएमके ने डीएमके के तमिलों के साथ किए गए विश्वासघात के खिलाफ 25 सितंबर को प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। एआईएडीएमके के ताकतवर नेता केपी मुनुस्वामी ने चेन्नई में शुक्रवार को बयान जारी कर कहा है कि जिस प्रकार श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महेंद्र राजपक्षे ने खुलासा किया है उससे साफ हो गया है कि नॉर्थ श्रीलंका में मारे गए तमिलों में डीएमके की सहभागिता थी। उन्होंने कहा है कि श्रीलंका में एक तरफ तमिलों का नरसंहार किया जा रहा था दूसरी तरफ केंद्र सरकार उसे इसके लिए मिलिट्री सहायता ऑफर कर रही थी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार उत्तरी श्रीलंका में हजारों तमिलों के नरसंहार के लिए डीएमके भी जिम्मेदार थी। क्योंकि तत्कालीन यूपीए सरकार में शामिल होने के बाद भी डीएमके इस नरसंहार को रोकने के लिए कुछ नहीं किया।
URL: Sonia Gandhi and P Chidambaram’s Connivance with LTTE Gangster Prabhakaran exposed
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