Archana Kumari. महाराष्ट्र में सियासी घमासान रुकने का नाम नहीं ले रहा है और यह मामला सोनिया गांधी के दरबार पहुंच गया है। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के कहने पर उनकी बेटी और सांसद सुप्रिया सुले सोनिया गांधी से मुलाकात कर उनसे मदद की अपील की है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने वाला है लेकिन राज्यपाल शहर से बाहर हैं। ज्ञात हो कि इससे पहले भाजपा नेता राज्यपाल से मिल चुके हैं।
इस बीच कारोबारी मुकेश अंबानी की बिल्डिंग एंटीलिया के बाहर विस्फोटक वाली स्कॉर्पियो मिलने के केस में गिरफ्तार पुलिस अफसर सचिन वाझे पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA ) ऐक्ट लगा दिया । यह धारा आतंकवाद या देशविरोधी गतिविधियों के आरोपियों पर लगाई जाती है और इस विवादित पुलिसकर्मी की इस केस से अब बच निकलना मुश्किल है।
साथ ही एएनआई ने एंटीलिया बम कांड मामले में UAPA की धारा 16 और 18 को भी जोड़ दिया है। एनआईए का मानना है कि विस्फोटक वाली स्कॉर्पियो में वाझे का ही हाथ था और इसकी पुष्टि की जा चुकी है जबकि मनसख मौत मामले की जांच जारी है । वहीं , स्कॉर्पियो मालिक हिरेन मनसुख के मर्डर केस की जांच ठाणे सेशंस कोर्ट ने महाराष्ट्र ATS से लेकर NIA को सौंप दी ।अदालत ने साफ कर दिया है कि एटीएस इस मामले में दखल नहीं दे सकता।
महाराष्ट्र में इन दिनों राजनीतिक हलचल जारी है। विवादों में घिरी महाराष्ट्र सरकार की बुधवार को कैबिनेट बैठक बुलाई गई। यह राज्य में ‘लेटर बम’ के बाद पहली कैबिनेट बैठक थी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुवाई में राज्य के सभी कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुए जबकि महाविकास आघाडी सरकार दो वरिष्ठ पुलिस अफसरों को सबक सिखाने की रणनीति बनाई है।
इनमें परमवीर सिंह और रश्मि शुक्ला के खिलाफ अनुशासनात्मक कानूनी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। इस बीच मुम्बई पुलिस कमिश्नर हेमंत नगराले विवादित गृहमंत्री अनिल देशमुख से मिलने बुधवार को उनके निवास गए । जबकि 100 करोड़ की वसूली खुलासे से लेकर चर्चा में आए परमवीर सिंह बांबे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पूरे मामले की जांच सीबीआई से किए जाने का अनुरोध किया है इससे पहले उन्होंने सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
मुंबई के पुलिस कमिश्नर रहे परमवीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर पुलिस के जरिए ‘मनी कलेक्शन स्कीम’ चलाने के आरोप लगाए हैं। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की बेंच ने कहा कि मामला बेहद गंभीर है, आप हाई कोर्ट में याचिका लगाएं।
इसके बाद सिंह ने सर्वोच्च अदालत से याचिका वापस ले ली थी। गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने त्वरित जांच का दायरा आगे बढ़ाया और कई सबूत इकट्ठे किए, राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मुंबई पुलिस के डीसीपी पराग मनेरे को पुछताछ के लिये अपने दफतर बुलाया। पराग मनेरे मुंबई पुलिस के पूर्व कमिशनर परमवीर सिंह के काफी नजदीकी माने जाते है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी को CIU आफिस में सर्च के दौरान जो डायरी मिली है, वो वसूली रैकेट को लेकर बेहद अहम मानी जा रही है। डायरी में पैसे के लेन-देन की बात कोड वर्ड में लिखी हुई है और कोडवर्ड में जो नाम और रकम लिखी हुई है वो रेस्तरां, पब और कुछ कारोबारियों से वसूले गए थे।
डायरी में जो डिटेल्स लिखी हुई है और इसी वसूली का जिक्र मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने भी अपनी चिट्ठी में किया है। इस डायरी में होटल, पब और कारोबारियों के नाम के आगे रेटकार्ड भी लिखा गया है, कुछ बुकी से भी वसूली का जिक्र इस डायरी में है।
एनआईए की जांच में एक महिला का भी नाम सामने आया है और महिला गुजरात की रहने वाली है। ट्राइडेंट होटल से बरामद CCTV फुटेज को खंगालने में एनआईए जुटी है जहां महिला और सचिन पांच बैग तथा नोट काउंटिंग मशीन के साथ कैमरे में कैद हुए है।
इस होटल को एक ज्वेलर ने 100 दिन के लिए बुक करा रखा था जबकि सचिन मुंबई के कई अन्य दूसरी होटलों में भी जाता था। इस महिला से सचिन का क्या रिश्ता है, फिलहाल एनआईए पता लगा रही है लेकिन एनआईए को शक है कि उन पांच बड़े बैग में कैश के अलावा जिलेटिन की छड़ें थीं।
वैसे एनआईए अधिकारियों का कहना है कि अभी मुख्य फोकस जिलेटिन की झड़े कहां से उपलब्ध हुई, इसकी तफ़्तीश की जा रही है, इस बारे में कुछ जानकारियां मिली है लेकिन जांच के चलते अभी इसका खुलासा नहीं कर सकते । पुलिस सूत्रों ने दावा किया है कि मनसुख को क्लोरोफॉर्म देकर बेहोश किया गया।
उसके बाद मनसुख की हत्या कर खाड़ी में फेंक दिया गया । जांच दौरान यह पता चला है कि सचिन ने मनसुख को फोन किया था और फोन करके मनसुख को बुलाया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत से पहले चोट की पुष्टि हुई थी और इसी मामले में दो लोगों को पकड़ा भी गया था लेकिन सचिन ने पूछताछ के दौरान आरोपों से इनकार किया ।
जांच एजेंसी का कहना है कि सचिन के दो सहयोगी सरकारी गवाह बनने की इच्छा व्यक्त की है और इनमें रियाजुद्दीन काजी का लोकल आर्म्स यूनिट में ट्रांसफर किया गया जबकि प्रकाश होवल को मालाबार हिल ट्रांसफर किया गया था।