विपुल रेगे। सन 2014 में शाहरुख़ खान ने अभिनेता अनुपम खेर को एक इंटरव्यू दिया था। इन दिनों वह इंटरव्यू फिर से देखा जा रहा है। द अनुपम खेर’ शो के पहले ही एपिसोड में अनुपम ने शाहरुख़ से अनौपचारिक बातचीत की थी। इस इंटरव्यू में लोगों ने ऐसे शाहरुख़ को देखा था, जिसे वे नहीं जानते थे। शाहरुख़ खान की ‘पठान’ ब्लॉकबस्टर हो चुकी है। पिछले नौ साल शाहरुख़ ने असफलताओं का बड़ा दौर देखा है। आज शाहरुख़ ने बड़े परदे पर शानदार वापसी कर डाली है। यदि नौ वर्ष पूर्व के उस इंटरव्यू को देखा जाए तो पता चलेगा कि दक्षिण एशिया का सबसे चर्चित, सबसे विवादित सुपरस्टार अंदर से अकेला है। वह सब कुछ करने की शक्ति अपने अंदर से ही पाता है। उसकी शक्ति का स्त्रोत उसके घर की महिलाएं हैं।
सारे विरोध और दुष्प्रचार को धता बताते हुए शाहरुख़ खान की पठान एक बड़ी हिट सिद्ध हुई है। फिल्म ने अब तक वर्ल्डवाइड 920 करोड़ का कलेक्शन कर लिया है। भारत में इसने 489 करोड़ का नेट कलेक्शन कर ‘बॉयकॉट बॉलीवुड’ को चुनौती दे दी। निश्चित ही ‘पठान’ सफल होने के बाद शाहरुख़ की शोहरत लौट आई है। अब वे अधिक विज्ञापनों में दिखाई दे रहे हैं। सन 2014 में स्थितियां आज से बिलकुल अलग थी। उस समय मोदी युग शुरु हो गया था।
फिल्मों, राजनीति और क्रिकेट के लिए विश्व में सबसे अधिक चर्चित इस एशियाई देश में खान तिकड़ी की लोकप्रियता गुजरात से प्रचंड बहुमत लेकर आया एक नेता संपूर्ण रुप से खा चुका था। उसी समय शाहरुख़ ने अपने जीवन के सबसे गंभीर आरोप का सामना किया। इस आरोप ने शाहरुख़ के कॅरियर की नींव हिलाकर रख दी। कहा गया कि शाहरुख़ ने ऐसा कहा है कि यदि मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो वे ये देश छोड़ देंगे। हालाँकि शाहरुख़ ने इस बात को नकार दिया।
ऐसा कोई प्रमाण भी नहीं मिला, जिससे सिद्ध हो जाए कि शाहरुख़ ने देश छोड़ने वाली बात कही थी। बाद में फैक्ट चेक में ये बात गलत पाई गई कि मोदी को लेकर शाहरुख़ ने ऐसा कोई ट्वीट किया था। इसी तकलीफ वाले साल में शाहरुख़ ने अनुपम खेर को इंटरव्यू दिया। हालाँकि ये बातचीत किसी विवाद पर बेस्ड नहीं थी और न ही ज्यादातर सवाल फिल्मों पर थे। अनुपम के सवाल बहुत निजी थे और शाहरुख़ को चुभने वाले थे। इस बातचीत में पता चला कि शाहरुख़ और उनके पिता का एक गहरा रिश्ता था।
शाहरुख़ के पिता तब गुज़र गए, जब वे केवल पंद्रह वर्ष के थे। उनकी माँ मेहनत कर फीस के पैसे जमा करती और भाई-बहन को पढ़ाती थी। माँ के निधन के बाद शाहरुख़ और टूट गए लेकिन उनकी भीतरी शक्ति ने उन्हें निराशा में जाने से बचाए रखा। अनुपम खेर से इस बातचीत में शाहरुख़ का वह चेहरा उजागर हुआ, जो अब तक शायद उनके करीबी लोगों ने ही देखा है। शाहरुख़ का संघर्ष भी वैसा ही था, जैसा और सुपरस्टार्स का रहा। हालांकि ‘फौजी’ सीरियल के बाद उन्हें फ़िल्में मिलने लगी थी।
इस इंटरव्यू के बाद शाहरुख़ ने लंबा बुरा वक्त देखा। इसी साल उनकी ‘हैप्पी न्यू ईयर’ सफल रही। इसके बाद छह फ़िल्में लाइन से पिट गई थी। एक नकली ट्वीट का भूत उनका पीछा नहीं छोड़ रहा था। कहा जाने लगा कि शाहरुख़ खान का जादू और समय समाप्त हो गए हैं। इन नौ सालों में शाहरुख़ की इनर स्ट्रेंथ ने उन्हें निराशा की गर्त में जाने से बचाए रखा था। शाहरुख़ ने अपने शुरुआती जीवन में भयंकर दुःख और असफलताएं देखी। शाहरुख़ ने अपनी किसी भी फिल्म को हलके में नहीं लिया।
अनुपम से बातचीत में शाहरुख़ ने कहा कि सफल होने के बाद ही तो आपको असली मेहनत करनी होती है। शाहरुख़ का मंतव्य था कि शिखर पर पहुँचने के बाद अपने पैरों की ग्रिप मजबूत करनी पड़ती है। आज शाहरुख़ असफलताओं के लंबे दौर से बाहर आकर फिर सबके सामने हैं। ‘पठान’ के बाद का शाहरुख़ बदला हुआ शाहरुख़ है। उसे पता है कि अब वह लवर बॉय ‘राहुल’ नहीं रहा है। अब शाहरुख़ एक्शन अवतार में अगली पारी खेलने के मूड में हैं। वे नौ साल कुछ कम नहीं थे। दुनिया ने मान लिया था कि वे अब कभी खड़े नहीं हो सकेंगे लेकिन शाहरुख़ ने अपनी आंतरिक शक्ति से बुरे समय पर विजय पा ली है।