आज शिवशक्ति धाम डासना में सभी सनातन धर्मावलंबियों को जगद्जननी माँ जगदम्बा व महादेव की अखण्ड भक्ति की प्राप्ति,सद्बुद्धि की प्राप्ति, सनातन धर्म की रक्षा, सनातन धर्म के मानने वालों के घर परिवार सहित उनके अस्तित्व की रक्षा,सनातन धर्म के शत्रुओं का विनाश,सनातन वैदिक राष्ट्र का निर्माण और श्रद्धालु भक्तगणो की समस्त मनोकामना की पूर्ति हेतु श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहन्त स्वामी हरिगिरि जी महाराज,अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रेम गिरी जी महाराज व अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता स्वामी नारायण गिरी जी महाराज के मार्गदर्शन व महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी के संकल्प से 108 दिवसीय माँ बगलामुखी व सहस्त्र चण्डी महायज्ञ आरम्भ हुआ।
महायज्ञ में कार्ष्णि स्वामी अमृतानंद जी,यति कृष्णानंद जी,यति सत्यदेवानंद जी,यति निर्भयानंद जी,यति रामस्वरूपानंद जी सहित अनेक संतो ने भाग लिया। देवाधिदेव भगवान महादेव शिव के रुद्राभिषेक के साथ ही अलग अलग कुंडो में माँ बगलामुखी व श्रीचंड़ी महायज्ञ आरम्भ हुआ।प्रथम दिवस के महायज्ञ के यजमान नरेंद्र त्यागी जी ने सपरिवार विधिवत पूजा अर्चना के साथ आज प्रातः कालीन कार्यक्रम सम्पन्न करवाया।
महायज्ञ के विषय मे बताते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने बताया कि भक्तगणों के लिये माँ बगलामुखी व महादेव का यह महायज्ञ कल्प वृक्ष के समान है जो उनकी सभी सात्विक मनोकामनाओ की पूर्ति करने में सक्षम है।सनातन धर्म मे माँ बगलामुखी को श्री,विजय और सद्बुद्धि की देवी माना जाता है। महादेव के साथ इनकी साधना से मनुष्य अपने हर तरह के शत्रुओं को पराजित करने योग्य बनता है और सद्बुद्धि, ऐश्वर्य,शक्ति और दीर्घायु सहित विजय को प्राप्त करता है।
भगवान परशुराम इस पृथ्वी पर पहले साधक थे जिन्होंने माँ बगलामुखी और महादेव की साधना करके अलौकिक शक्तियां प्राप्त की।भगवान परशुराम ने माँ बगलामुखी साधना का रहस्य भगवान श्रीराम,योगेश्वर श्रीकृष्ण सहित अपने पितामह भीष्म, आचार्य द्रोण व दानवीर कर्ण जैसे महान योद्धाओ को बताया। महापराक्रमी इंद्रजीत मेघनाथ सहित दशानन रावण और कुम्भकर्ण भी माँ बगलामुखी और महादेव के ही उपासक थे।
सतयुग से लेकर कलयुग तक सभी सनातन धर्म के प्रमुख योद्धाओ ने माँ बगलामुखी और महादेव की साधना और भक्ति से ही स्वयम को महान बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि आज सनातन धर्म जिस तरह के संकट का सामना कर रहा है,उस संकट को आध्यात्मिक ऊर्जा के बिना समाप्त नहीं किया जा सकेगा।आज सनातन धर्म के मानने वालों को ऐसी ऊर्जा माँ बगलामुखी और महादेव की साधना से ही मिल सकती है।
महायज्ञ में भाग लेने हिमाचल प्रदेश से आये यति सत्यदेवानंद जी महाराज ने कहा कि सभी हिन्दुओ को अपने हर तरह के व्यक्तिगत, जातिगत,संस्थागत, दलगत तथा राजनैतिक स्वार्थों और मतभेदों को भुलाकर महायज्ञ में सम्मिलित होना चाहिये।हम सभी को समझना ही पड़ेगा कि सनातन धर्म की रक्षा से ही मानवता की रक्षा होगी और मानवता की रक्षा से ही हम सबका अस्तित्व बचेगा।
उन्होंने सभी हिन्दुओ से इस महान अनुष्ठान में तन,मन और धन से साथ देने और सहयोग करने का आह्वान किया। आज महायज्ञ में आचार्य दीपक तेजस्वी,अनिल यादव,डॉ उदिता त्यागी,शशि चौहान,सुखबीर यादव,धीरज फौजी,मोहित बजरंगी, बृजमोहन सिंह सहित अनेक गणमान्य भक्तो ने भाग लिया।