Archana Kumari. मनसुख हिरेन मर्डर केस की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी अब मनसुख का पोस्टमॉर्टम करने वाले तीन डॉक्टरों से पूछताछ करने वाली है । सूत्रों के अनुसार, ठाणे के सरकारी अस्पताल में 5 मार्च को शाम 6:30 बजे मनसुख के पोस्टमॉर्टम के वक्त निलंबित API सचिन वाझे मौजूद था ।
जांच एजेंसी का कहना है कि एंटीलिया और मनसुख मामले को लेकर एक- एक तथ्यों की वेरीफाई की जा रही है और इसके बाद ही दोनों मामलों का खुलासा कर दिया जाएगा।
वैसे अंबानी के घर के बाहर से बरामद विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो मालिक मनसुख हिरेन की मौत के मामले में मुंबई एटीएस ने जो खुलासा किया है, उसके अनुसार हिरेन की हत्या में कुल चार लोगों के शामिल होने के सबूत मिले। इनमें से तीन सचिन, विनायक तथा नरेश गिरफ्तार किए जा चुके हैं जबकि एक को पकड़ना एनआईए के जिम्मे में है।
मुंबई एटीएस का कहना है 4 मार्च को सचिन ने फोन करके मनसुख हिरेन को ठाणे बुलाया था, मनसुख को क्लोरोफॉर्म सुंघाकर बेहोश किया गया और उसकी सांस रोककर हत्या की गई।
हत्या के वक्त सचिन मौजूद था। इसकी पुष्टि उसके मोबाइल लोकेशन से हो चुकी है। मनसुख को मारने के बाद चेहरे पर बांधे गए थे रुमाल जबकि उसके चेहरे पर बंधे पांच रुमालों में क्लोरोफॉर्म डाला गया था।
सांस रोकने के बाद रुमाल को मनसुख के चेहरे पर बांध कर पानी में फेंका था। चेहरे पर बंधे रुमालों को देखकर अंदेशा था कि मनसुख की हत्या हुई है और उन्होंने खुदकुशी नहीं किया। मनसुख हिरेन की हत्या सचिन के कब्जे से जब्त की गई कारों में से एक में की गई थी। इसके बाद उसकी लाश को खाड़ी में फेंक दिया गया। घटना के दिन सचिन ने मनसुख को ‘तावड़े’ नाम से वॉट्सऐप पर कॉल करके बुलाया था।
इन दोनों की बातें मनसुख की पत्नी विमला ने सुनी थीं। हत्या रात 10 बजे के आस-पास हुई। जबकि इसके बाद सचिन मुंबई आया और लगभग रात पोने 12 बजे डोंगरी के टिप्सी बार में छापेमारी का नाटक किया।
जब मनसुख की हत्या की गई तो सचिन एक ऑडी कार में बैठकर सब देख रहा था।सचिन वझे ने हत्या वाली रात को एक भी फोन कॉल नहीं किया था और न ही उसको फोन आया था।
वह लगातार वॉट्सऐप कॉल से बात कर रहा था।ठाणे के घोडबंदर से आने के बाद सचिन वझे पहले मुंबई पुलिस हेडक्वार्टर गया और इसके बाद अपने CIUऑफिस में गया और अपने मोबाइल को चार्जिंग पर लगा दिया, ताकि उसका लोकेशन कमिश्नर ऑफिस दिखे।
सचिन वझे ने मुंबई एटीएस को बयान दिया था कि 4 मार्च को पूरे दिन मुंबई पुलिस हेडक्वार्टर के CIU ऑफिस में था, लेकिन मोबाइल की लोकेशन के मुताबिक दोपहर में 12.48 मिनट पर चेंबूर के एक कॉलोनी में था।मनसुख के पास एक मोबाइल था, जिसमें दो सिम कार्ड था।
उन दोनों नंबर के कॉल डिटेल रिकॉर्ड के अनुसार उनमें से एक नंबर पर मनसुख को आखिरी फोन कॉल रात 8 बजकर 32 मिनट पर पत्नी का आया था और फिर दूसरे नंबर पर 10 बजकर 10 मिनट पर चार मैसेज आए थे। इस दौरान फोन की लोकेशन वसई का मालजीपाड़ा थी।
गिरफ्तार विनायक शिंदे ने बताया कि वो वझे से बात करने के लिए फर्जी दस्तावेज पर खरीदे सिम कार्ड का इस्तेमाल करता था, जिसे उसने परिचित बुकी नरेश गोर के माध्यम से गुजरात से मंगवाया था।उद्योगपति मुकेश अंबानी को धमकी भरा पत्र खुद सचिन वझे ने लिखा।
यह खुलासा विनायक शिंदे के घर काम करने वाले पेंटर ने किया ।वझे ने अपनी साजिश में मनसुख को शामिल किया था या नहीं, यह साफ नहीं है कि मनसुख डर कर या फिर अपनी मर्जी से वझे के साथ दिया था, यह अभी खुलासा होना बाकी है। सचिन ने दावा किया है कि वो सुपर कॉप बनना चाहता था और वो चाहता था कि विस्फोटक प्लांट कर केस की जांच करता।
इससे उसका बड़ा नाम होता। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया कि मनसुख के चेहरे पर चोट के कई निशान थे और चोट ज़िंदा रहते हुए लगे थे तथा रिपोर्ट के मुताबिक मनसुख के चेहरे के बायीं तरफ़, नाक की बायीं तरफ़, ऊपरी होंठ, दायें गाल, टुड्ढी और दायें आंख के क़रीब चोट के निशान मिले और इस बारे में ही जानने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी डॉक्टरों से पूछताछ करने वाली है ।
मुंबई एटीएस का कहना है कि दोनों मामलों में मुख्य सूत्रधार सचिन ही था जबकि मनसुख के लाश को मुंब्रा खाड़ी में इस वजह से फेंक दिया गयाा क्योंकि हाई टाइड की वजह से लाश बह कर दूर चली जाएगी।
जांच को भटकाने के लिए मनसुख के क़त्ल के बाद उसके मोबाइल को वसई में दोबारा ऑन किया गया था ताकि ऐसा लगे कि मनसुख उस रात आखिरी बार वसई में था जबकि सच्चाई ये है कि रात क़रीब साढ़े बारह बजे वसई में मोबाइल ऑन करने से लगभग दो घंटे पहले ही मुंब्रा क्रीक के क़रीब मनसुख की हत्या कर लाश फेंक दी गई थी। मुंबई एटीएस का दावा है कि मनसुख हिरेन की लाश मुंब्रा क्रिक से बरामद की गई थीजबकि क़त्ल की तमाम कड़ियों को जोड़ कर मौत की गुत्थी सुलझा ली गई