यूपी समेत देश के चार लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा के प्रतिकूल परिणाम आए हैं। यूपी ने भाजपा को दो बार अल्टीमेटम दे दिया है। अब भाजपा को सोचना है कि वह इस अल्टीमेटम को समझती है या फिर इसे दरकिनार कर आगे बढ़ती है। इस उपचुनाव के बाद सुब्रहमण्यम स्वामी ने भी भाजपा को सलाह दी है। उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करते हुए सार्वजनिक से सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि अगर भाजपा को देश की जनता का मूड अपने अनुकूल करना है तो दो बातों पर ध्यान देना होगा, ताकि भाजपा के कोर वोटर घर से बाहर निकल कर उनके लिए वोट करे।
मुख्य बिंदु
* शीतकालीन सत्र में जमीन अधिग्रहण बिल लाकर राम मंदिर की विवादित जमीन राम मंदिर ट्रस्ट को सौंपे
* भ्रष्टाचार में लिप्त बड़े-बड़े नेताओं के खिलाफ सरकारी दस्तावेज जारी कर सभी को जेल में डाले
स्वामी ने कहा है कि पहली बात तो ये कि भाजपा को इसी शीतकालिन सत्र में जमीन अधिग्रहण बिल लाने के साथ सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर राम मंदिर की विवादित जमीन राम मंदिर ट्रस्ट को सौंपना होगा। दूसरा काम यह करना होगा कि भ्रष्टाचार के मामले में जितने लोगों के खिलाफ मामले चल रहे हैं उसके खिलाफ सरकारी दस्तावेज जारी कर सभी को जेल भेजना होगा।
स्वामी का इशारा साफ है कि भ्रष्टाचार के मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पी चिदंबरम, उसका बेटा कार्ति चिदंबरम, पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम, सोनिया गांधी के राजनैतिक सलाहकार अहमद पटेल का दामाद, रॉबर्ट वाड्रा, एनडीटीवी के प्रणय राय-राधिक राय आदि के खिलाफ जांच में तेजी लाते हुए इन्हें कानून सम्मत कार्रवाई करते हुए जेल में ठूंस दिया जाए! ज्ञात हो कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के फंड मैनेजर पी चिदंबरम जमानत पर बाहर चल रहे हैं।
स्वामी का कहना है कि जैसे ही भाजपा ये दो काम करेगी उसके अपने कोर वोटर हैं जो आज घर बैठ गए हैं वे सब भाजपा के पक्ष में वोट करने के लिए अपने घर से निकलेंगे, इससे भाजपा की एक बार फिर प्रचंड जीत तय है। वैसे भी उप चुनाव परिणाम के विश्लेषण करने से यही बात सामने आई है कि भाजपा के कोर वोटर मतदान करने निकले ही नहीं।
To reverse mood to favourable to BJP, we need two things: 1. In the Winter Session a Bill to allot GOI-acquired land as per PVN govt affidavit to SC to a Ram Temple Trust. 2. Fast track cases by releasing Govt docs to send TDK, Bambino, PC+, GST etc to jail.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 1, 2018
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, नगालैंड की 4 लोकसभा सीटों के अलावा 10 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में जहां कैराना से आरएलडी उम्मीदवार तबस्सुम बेगम की जीत हुई है वहीं महाराष्ट्र की पालघर से बीजेपी, भंडारा-गोंदिया सीट से एनसीपी तथा नागालैंड की सिर्फ एक लोकसभा सीट पर बीजेपी की सहयोगी पार्टी एनडीपीपी ने जीत दर्ज की है। इस प्रकार देखें तो भाजपा की जीत प्रतिशत 50 प्रतिशत बैठती है, लेकिन देश भर में मीडिया ने भाजपा को डूबता ही बता दिया। इस उपचुनाव में सभी ने उत्तर प्रदेश को ही सबसे अहम माना। यहीं के कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा चुनाव परिणाम सबसे ज्यादा चर्चा में है। भले ही इन दोनों सीटों पर भाजपा की हार हुई हो, लेकिन नूरपुर में जहां भाजपा का करीब 8 प्रतिशत मत बढ़ा है, वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले कैराना में भाजपा का वोट प्रतिशत 9 फीसदी बढ़ गया है, हालांकि लोकसभा-2014 के मुकाबले कैराना में चार प्रतिशत मत घट जाने के कारण उसे हार का मुंह देखना पड़ा है।
इसका मतलब यही है कि एक तरफ जहां विपक्ष के इकट्ठा होने से भाजपा के भी वोट बढ़े हैं। कैराना में पिछली वार 50 प्रतिशत से भी अधिक वोट मिले थे, लेकिन इस बार भाजपा के मत प्रतिशत में करीब चार प्रतिशत की कमी आई है। इससे स्पष्ट होता है कि यहां पर भाजपा के कोर वोटर ही घर से नहीं निकले। कैराना में आरएलडी उम्मीदवार तब्बसुम हसन ने जीत हासिल की है। उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार मृगांका सिंह को हराया। वहीं नूरपुर विधानसभा के लिए हुए उपचुनाव में गठबंधन प्रत्याशी एसपी के नईमुल हसन ने बीजेपी की अवनी सिंह को 6271 वोटों से हरा दिया। इस सीट पर बीजेपी विधायक लोकेंद्र सिंह की सड़क हादसे में मौत की वजह से उपचुनाव कराए गए।
वहीं नागालैंड की एकमात्र लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा समर्थित नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के उम्मीदवार ने कांग्रेस समर्थित नागा पीपुल्स फ्रंट(एनपीपी) के उम्मीदवार को करीब पौने दो लाख वोट के भारी अंतर से हराया है। यह सीट वर्तमान मुख्य नेफ्यू रियो के इस्तीफा देने कारण खाली हुई थी। उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले ही फरवरी में सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था। यहां को विजयी अंतर से साफ है कि नागालैंड में अब भाजपा समर्थित सरकार ही नहीं है बल्कि भाजपा की स्वीकृति भी काफी बढ़ी है। ध्यान देने योग्य बात है कि इस क्षेत्र में कभी कांग्रेस का वर्चस्व हुआ करता था।
महाराष्ट्र के पालाघर और भंडारा-गोंदिया सीट के लिए हुए उपचुनाव में भी भाजपा की स्थित खराब नहीं कही जा सकती क्योंकि यहां भी उन्होंने एक सीट पर जीत हासिल की है वहीं दूसरी सीट पर अपना वोट आधार बढ़ाया है। पालघर सीट पर भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र गावित ने जीत दर्ज की है। इस सीट के लिए कांग्रेस ने पूर्व सांसद दामू सिंगाड़ा पर अपना दांव लगाया था। इस चुनाव में शिव सेना के विरोध में खड़ा होने के बावजूद भाजपा ने इस सीट पर जीत हासिल की है, इससे साफ है कि प्रदेश में भाजपा की स्थिति पहले से और मजबूत हुई है। हालांकि दूसरी सीट पर शिवसेना की वजह से ही भाजपा को नुकसान हुआ है। पहले की सहयोगी रही दोनों पार्टियों के अलग होने का फायदा एनसीपी उठा ले गई है। हालांकि यहां पर कांग्रेस फिर फिसड्डी ही साबित हुई है।
उपचुनाव के इस परिणाम से यह तो स्पष्ट हो गया है कि सीधी लड़ाई में कांग्रेस भाजपा के आगे कहीं नहीं टिकती है। वहीं सारे विपक्ष के इकट्ठी हो जाने पर भाजपा को जीतने में दिक्कत हो रही है। आने वाले समय में भाजपा को इंसी फ्रंट पर काम करने के लिए अभी से जुटना होगा। ऐसे मे सुब्रहमण्यम स्वामी की सलाह कारगर साबित हो सकती है।
पश्चिम बंगाल के महेश्ताला विधानसभा के लिए हुए उपचुनाव में भी भाजपा ने अपनी स्थिति और मजबूत बनाने में सफल रही है। कभी भी किसी पोजशन में नहीं रहने वाली भाजपा पंचायत चुनाव की तरह ही बेहतर प्रदर्शन किया है। भाजपा ने कम्युनिस्टों नीचे धकेलकर दूसरा पोजिशन अख्तियार कर लिया है। हालांकि जीत टीएमसी के उम्मीदवार दुलान दास ने करीब 63 हजार मतों से जीत हासिल कर लिया है। कांग्रेस और सीपीएम के गठजोड़ के बावजूद भाजपा ने दूसरा स्थान हासिल किया है।
URL: subramanian swamy advised BJP after defeat in by election
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