अयोध्या में राम मंदिर तथा बाबरी मसजिद विवाद को लेकर एकबार फिर अहम फैसला आने वाला है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से यह भी तय हो जाएगा कि राम मंदिर अब कोर्ट के फैसले के तहत बनना है या फिर भव्य राम मंदिर का निर्माण संसद के माध्यम से होगा। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमनियन स्वामी ने इस मामले में एक ट्वीट कर बताया है कि सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की एक पीठ का फैसला आने वाला है। इस फैसले से यह तय हो जाएगा कि पांच जजों की संविधान पीठ के एक फैसले पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है या नहीं। और उसे विचार के लिए सात जजों की संविधान पीठ के पास भेजा जा सकता है या नहीं। मालूम हो कि पांच जंजों की संविधान पीठ ने साल 2014 में अपने फैसले के दौरान यह टिप्पणी की थी कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इसलाम का हिस्सा नहीं है! सुप्रीम कोर्ट की यह संविधान पीठ ने कहा था कि नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है, यहां तक की खुले में भी।
PTs: Tighten your seatbelt SC to pronounce whether 5 judge Bench judgment that masjid is not an essential part of Islam needs to be reconsidered by a 7 Bench judgment. If No, then we are on our way to Ram Temple. If Yes then we try Parliament
— Subramanian Swamy (@Swamy39) 24 September 2018
स्वामी ने अपने ट्वीट में कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट पांच जजों वाली संविधान के फैसले को पुनर्विचार के लिए सात जजों वाली संविधान पीठ भेजने का फैसला देता है तो फिर हमें राम मंदिर निर्माण के लिए संसद का रूख अख्तियार करना पड़ेगा अगर नहीं तो फिर राम मंदिर निर्माण का रास्ता यहीं से प्रशस्त हो जाएगा और हम लोग राम मंदिर बनाने को लेकर आगे बढ़ सकते हैं। इसलिए अयोध्या राम मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आने वाला फैसला मील का पत्थर साबित होने वाला है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली तीन सदस्य पीठ ने 20 जुलाई 2018 को सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुना सकता है।
URL: Subramanian Swamy tweeted verdict of bench of three SC judges is going to come on Ram temple
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