कुछ दिन पूर्व हर मेनस्ट्रीम मीडिया चिल्ला रहा था, ‘योगी के राज में छेड़छाड़ से हुई एक होनहार छात्रा की मौत!’ अब जब उस छात्रा सुदीक्षा की दुखद मौत की सच्चाई बाहर आ गयी है तो #fakenewsmedia ने इस पर चुप्पी ओढ़ ली है। जिस समाज से झूठ बोला था, उससे सच अभी भी छुपाने की चेष्टा की जा रही है!
अमेरिका में पढ़ने वाली होनहार छात्रा सुदीक्षा भाटी की मौत से पर्दा उठ गया है। उसकी मौत छेड़छाड़ या स्टंट की वजह से नहीं हुई, बल्कि वह एक सड़क हादसे का शिकार हो गई। इस मामले को लेकर राजनीतिक रंग देकर यूपी सरकार पर भी सवाल खड़े किए गए लेकिन मामले की जांच में जुटी एसआईटी ने CCTV फुटेज और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से बुलेट सवार दो आरोपियों को धर दबोचा। उन लोगों ने भी अपना जुर्म स्वीकार किया है। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से मॉडिफाइड बुलेट बाइक, सायलेंसर, हेलमेट और नम्बर प्लेट आदि बरामद की है।
बुलंदशहर पुलिस ने सुदीक्षा मौत मामले में घटनाक्रम से रहस्य हटाते हुए खुलासा किया कि इस मामले में दीपक चौधरी और राजू नाम के आरोपियों को पकड़ा गया है। इनमें दीपक चौधरी ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह एक कांट्रेक्टर के यहां काम करता है और 10 अगस्त घटना वाले दिन राज मिस्त्री का काम करने वाले राजू को लेकर काली बुलेट से निर्माणाधीन साइट लखावटी जा रहा था। इस दौरान औरंगाबाद चारोरा मुस्तफाबाद के पास उसकी बुलेट बाइक के सामने अचानक हरे रंग का ऑटो और भैंसा बुग्गी आ गई, इसकी वजह से उसे अचानक ब्रेक लगाना पड़ गया। इसके बाद पीछे से आ रही सुदीक्षा भाटी कि बाइक बुलेट से टकरा गई। इससे छात्रा सड़क पर जा गिरी और उसकी मौत हो गई।
लगातार इस खबर के मीडिया में आने और मामला बहुचर्चित हो जाने से वह बेहद डर गया था। इसलिए उसने बुलेट को मॉडिफाइड करवा दिया था जबकि किसी को शक न हो इसलिए बुलेट की टायर, सायलेंसर और ‘जाट लिखी नम्बर प्लेट’ भी हटवा दी थी।
दरअसल इस मामले को लेकर मीडिया में बवाल मचने के बाद सुदीक्षा की मौत सड़क हादसा था या कुछ और इसकी जांच के लिए योगी सरकार ने एसआईटी की टीम का गठन किया था। जांच पड़ताल में कई अहम सुराग हाथ लगे, जिसके आधार पर दोनों आरोपियों को पकड़ा गया। इससे पहले पुलिस इस मौत की गुत्थी को सुलझाने के लिए सैकड़ों वाहन जप्त कर हजारों लोगों से पूछताछ कर चुकी थी।
उधर, सुदीक्षा के परिजनों द्वारा मीडिया में लगातार पुलिस विरोधी बयान दिए जाने से पुलिस दबाव में आ गई थी। इसके अलावा इस मामले में अलग-अलग राजनीतिक बयान दिए जाने से मामला सुलझने के बजाय और अधिक उलझता जा रहा था। इसके उपरांत पुलिस ने आरोपियों का सुराग पाने के लिए इनाम की घोषणा तक कर दी थी।
बुलंदशहर एसएसपी संतोष सिंह ने कुछ लोगों पर परिजनों को भड़काने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पहले दिन ही यह साफ हो गया था कि हादसे के वक्त सुदीक्षा का चचेरा भाई निगम भाटी बाइक चला रहा था। जांच के दौरान एक ऐसा भी चश्मदीद मिला जिसने बताया कि सामने से आ रहे वाहन के चलते बुलेट सवार ने अचानक ब्रेक मारा, जिसके चलते सुदीक्षा वाली बाइक बुलेट से टकरा गई। बाद में हेडइंजरी आने के कारण सुदीक्षा की मौत हो गई थी।
एसएसपी का कहना है कि चचेरे भाई ने हादसे के बाद जो बयान दिया, उसमें छेड़छाड़ का उल्लेख नहीं था। इसके बाद लड़की के मामा ने तहरीर दी, उसमें भी छेड़छाड़ का कोई उल्लेख नहीं था। लेकिन कुछ लोगों द्वारा इस मामले में विवाद खड़े किए जाने के बाद यह बताना शुरू किया गया कि लड़की के नाबालिग चचेरे भाई नहीं चाचा सतेंद्र भाटी बाइक चला रहे थे। जब पुलिस ने चाचा के मोबाइल लोकेशन का पता लगाया तो हादसे के समय उनकी लोकेशन दादरी में पाई गई।
इस पूरे मामले को नया रंग देने के लिए योगी सरकार और उप्र पुलिस को मोहरा बनाया गया। महिला आयोग से लेकर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी तथा आम आदमी पार्टी ने इस मौत को राजनीतिक मुद्दा बना लिया था, जिसमें मीडिया की इनको भरपूर मदद मिली। इन सभी का मकसद केवल योगी सरकार और उप्र को बदनाम करना था।
इस बीच पुलिस को कटघरे में खड़े करने के लिए सुदीक्षा के परिजन लगातार आरोप लगाते रहे। उन लोगों ने पीछा करने के साथ-साथ छेड़खानी का भी आरोप लगाया और कहा गया कि उन्हीं के कारण सुदीक्षा की गाड़ी दुर्घटना की शिकार हो गई। जबकि जांच में ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया।
पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए सिकंदराबाद से लेकर औरंगाबाद तक रास्ते में लगे दर्जनों सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला जबकि करीब 10719 पंजीकृत बुलेट मोटरसाइकिलों के बारे में जानकारी जुटा कर वाहन छानबीन अभियान चलाया गया।
ज्ञात हो कि नोएडा के दादरी में डेरी स्कानर गांव की निवासी 20 वर्षीय सुदीक्षा अकादमिक रूप से बेहतरीन छात्रा थीं और वह 3.80 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति पर अमेरिका के मैसाच्युसेट्स के बॉब्सन कॉलेज से बीबीए स्नातक कोर्स कर रही थी। सुदीक्षा ने एचसीएल फाउंडेशन के स्कूल विद्या ज्ञान से पढ़ाई की थी। 2018 की सीबीएसई बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा में सुदीक्षा ने 98 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। इसके बाद ही सुदीक्षा को अमेरिका के बॉब्सन कॉलेज से आगे की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप मिली थी।