दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के आरोप में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और देश को टुकड़े-टुकड़े करने की सोच रखने वाले शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने कड़कड़डुमा कोर्ट में पूरक चार्जशीट दाखिल कर दी है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि है यह चार्जशीट स्पेशल सेल ने आतंकरोधी कानून UAPA के तहत दाखिल की जबकि इसके साथ ही आईपीसी की कई संगीन धाराओं और ऑर्म्स एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई है। पुलिस के अनुसार चार्जशीट करीब 930 पेज की है ।
सूत्रों के अनुसार दिल्ली पुलिस ने खालिद, इमाम और एक अन्य आरोपी फैजान खान के खिलाफ कठोर गैर-कानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष पूरक चार्जशीट दाखिल किया। दिल्ली के दंगे में साजिश रचने वाले इन आरोपियों पर दंगे, गैर-कानूनी तरीके से एकत्रित होने, आपराधिक साजिश, हत्या, धर्म, भाषा, जाति इत्यादि के आधार पर शत्रुता को बढ़ावा देने और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं और इन अपराधों के तहत अधिकतम मृत्युदंड की सजा दी जा सकती है।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि 930 पन्नों के इस पूरक आरोप पत्र को यूएपीए की धारा 13 (गैर-कानूनी गतिविधियां), 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिविधि के लिये चंदा जुटाना) और 18 (षड़यंत्र) के तहत दायर किया गया है। इसके अलावा उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक षड़यंत्र) के साथ धारा 109 (उकसाना), 114 (अपराध के समय उकसाने वाले की मौजूदगी), 147 और 148 (दंगा) के तहत आरोपित किया गया है
जबकि सूत्रों ने कहा कि तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 341, 353, 395, 419, 419, 427, 435, 436, 452, 454, 468, 471 और 34 भी लगाई गई है। इसी साल फरवरी में हुई हिंसा की साजिश के आरोप में इस समय JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद और शरजील इमाम जेल में बंद है और 930 पेज की पूरक चार्जशीट में 197 पेज चार्जशीट है तो 733 पेज में संबंधित दस्तावेज शामिल किए गए हैं। उमर खालिद और शरजील इमाम के अलावा फैजान का नाम भी चार्जशीट में शामिल है।
इसमें फैजान खान पर हिंसा में शामिल लोगों को फर्जी सिम कार्ड दिलवाने का आरोप है। ज्ञात हो कि कुछ दिनों पहले ही दिल्ली हिंसा केस में उमर खालिद और अन्य के खिलाफ केस चलाने के लिए दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय ने अपनी मंजूरी दी थी और कानून के अनुसार, यूएपीए के तहत किसी व्यक्ति पर केस चलाने से पहले गृह मंत्रालय तथा दिल्ली सरकार से मंजूरी लेना आवश्यक है।
यह भी सनद रहे कि जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाकर चर्चा में आया उमर खालिद को 14 सितंबर को दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया था जब जबकि कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद की न्यायिक हिरासत 20 नवंबर तक के लिए बढ़ाई थी। इस बीच दिल्ली पुलिस की तरफ से उमर खालिद को न्यायिक हिरासत 30 दिन और बढ़ाने की अर्जी लगाई गई थी
लेकिन कोर्ट ने सोमवार तक 3 दिन के लिए न्यायिक हिरासत बढ़ाई गई है । उमर खालिद की ओर से यह आरोप लगाया जा चुका है कि उसे न्यायिक हिरासत के दौरान अपने जेल के सेल से बाहर निकलने या किसी से मिलने नहीं दिया जाता लेकिन उसके मामले पर आगे 23 नवंबर को सुनवाई होनी है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि उमर खालिद पर 6 मार्च को एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी और इस एफ आई आर में उमर खालिद पर संगीन इल्जाम यह है कि उसने दंगे के दौरान एक धर्म विशेष के लोगों को जमा करने के अलावा , दंगे भड़काना, दंगों की पूर्व नियोजित साजिश तैयार करना, भड़काऊ भाषण देना और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे के दौरान लोगों को सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए मुस्लिम लोगों को उकसाया था ।
पुलिस के मुताबिक, ‘पिंजरा तोड़’ की 3 छात्राओं देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और गुलफिशा फातिमा का कहना था कि उमर खालिद ने उन्हें हिंसा के लिए उकसाया और भीड़ को लामबंद करने का काम किया था जबकि एक और देशद्रोही शरजील इमाम पर आरोप है कि उसने अपने भाषण में असम को देश के बाकी हिस्से से जोड़ने वाले भू-भाग (चिकेन नेक) को काटने की बात कही ।
बिहार के जहानाबाद के रहने वाले शरजील इमाम असम को देश से अलग करने वाले भाषण के बाद चर्चा में आया था जबकि इसके बाद उसके खिलाफ देश के विभिन्न भागों में कई मुकदमे दायर हुए थे। दिल्ली पुलिस शरजील के खिलाफ अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार किया था ।
गौरतलब हो कि पिछले 17 सितंबर को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान को छोड़कर 15 आरोपियों के खिलाफ दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। चार्जशीट में 24 फरवरी के व्हाट्सऐप चैट का हवाला दिया गया है, जिस दिन उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों की शुरुआत हुई थी। दावा किया गया है कि उस समय मुख्य साजिशकर्ता जमीनी कार्यकर्ताओं को दिशानिर्देश जारी कर रहे थे जबकि दंगे के साजिशकर्ताओं ने व्हाट्सऐप के जरिये सीलमपुर और जाफराबाद में हिंसा को भड़काने का काम किया था।
दंगे के लेकर स्पेशल सेल ने ताहिर हुसैन को मुख्य आरोपी बनाया है जबकि ताहिर हुसैन के अलावा जिन्हें आरोपी बनाया गया है उनमें मोहम्मद परवेज अहमद, मोहम्मद इलियास, खालिद सैफी, शादाब अहमद, नताशा नरवाल, देवांगन कलीता, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान और अतहर खान आदि के नाम शामिल हैं। ज्ञात हो कि नागरिक कानून के विरोध में प्रदर्शनों के बीच हुए दिल्ली दंगों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य लोग जख्मी हुए थे।