सीबीआई के निदेशक पद से आलोक वर्मा को हटाने के बाद एम नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक बनाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। मालूम हो कि गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज़ ने नागेश्वर राव की नियुक्त को लेकर याचिका दायर की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अगले सप्ताह सुनवाई करने का निर्णय दिया है। मालूम हो कि आलोक वर्मा की नियुक्ति को भी कोर्ट में चुनौती देने वाले वकील प्रशांत भूषण ने नागेश्वर राव की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर शीघ्र सुनवाई की मांग की थी।
सीबीआई निदेशक पद पर नियुक्ति से लेकर उस पद से हटाए जाने तक के लगातार तीन मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाले प्रशांत भूषण ने अपनी ही क्रेडिविलीटी को संदिग्ध बना लिया है। असल में वह चाहता क्या है शायद उसे खुद ही नहीं मालूम? यह वही प्रशांत भूषण है जिसने सीबीआई निदेशक पद पर नियुक्त हुए आलोक वर्मा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जब आलोक वर्मा को हटाया गया तब भी उसने याचिका दायर कर दी। और अब जब नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है तो प्रशांत भूषण ने कॉमन काउज द्वारा दायर याचिका पर शीघ्र सुनवाई की मांग की है।
इससे साफ होता है कि वह सीबीआई निदेशक पर पहले से दबाव डालना चाहता है। उसने यही टैक्टिस आलोक वर्मा पर आजमाया था। जिसका बाद में वह गहरा दोस्त बन कर सरकार के खिलाफ साजिश करने में जुट गया है। लगता है प्रशांत भूषण पहले से नागेश्वर राव पर दबाव की टैक्टिस अपनाना चाहता है।
मालूम हो कि कि इस मामले में गैरसरकारी संगठन कॉमन काउज के वकील प्रशांत भूषण ने बुधवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एन एल राव और जस्टिस एस के कौल की पीठ से याचिका की गंभीरता के आधार पर तत्काल सुनवाई की मांग की थी। लेकिन चीफ जस्टिस गोगोई ने वकील प्रशांत भूषण को बताया कि आज तो क्या इस मामले की सुनवाई शुक्रवार तक करना असंभव है। इसलिए इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह ही की जाएगी।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा आलोक वर्मा को सीबीआई प्रमुख पद से हटाए जाने के बाद नागेश्वर राव को नए निदेशक की नियुक्ति होने तक सीबीआई का अतिरिक्त निदेशक नियुक्त कर दिया था।
URL : supreme court will hear petition against nageswara rao in next week!
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