आईएसडी नेटवर्क। सुशांत सिंह राजपूत की हत्या को लेकर एडवोकेट विभोर आनंद ने सनसनीखेज खुलासा किया है। विभोर आनंद ने दावा किया है कि सुशांत, दिशा सालियान और एक नाबालिग लड़की की ह्त्या का लाइव प्रसारण डार्क वेब पर किया गया था। इस दावे के बाद सोशल मीडिया पर डार्क वेब को लेकर सबसे ज्यादा सर्च की जा रही है। सुशांत सिंह राजपूत केस से जुड़ा विभोर आनंद का ये दूसरा खुलासा है। इसके पहले उन्होंने अक्षय कुमार के लॉन्च हुए गेम को सुशांत सिंह राजपूत की हत्या से जोड़ा था।
विभोर आनंद ने ट्वीट करके बताया है कि 13 जून की रात को सुशांत की हत्या का लाइव टेलीकास्ट किया गया था। इस टेलीकास्ट को कई लोगों ने लाइव देखा था। सुशांत के अलावा दिशा सालियान की हत्या का भी लाइव टेलीकास्ट किया गया था।
विभोर का दावा है कि सुशांत को इस कदर बेरहमी से इसलिए ही मारा गया था क्योंकि उसकी हत्या कई लोग देख रहे थे। इस दावे के बाद ट्वीटर और फेसबुक पर माहौल बहुत गर्म है। डार्क वेब कोई कपोल कल्पना नहीं है। इंटरनेट का सबसे छुपा रहने वाला डार्क वेब मुख्यतः अपराधियों द्वारा प्रयोग किया जाता है। विभोर के इस दावे की कल्पना ही रोंगटे खड़े कर देने के लिए पर्याप्त है।
इस दावे से ये सवाल भी उठ रहा है कि क्या बॉलीवुड और मुंबई के कुछ राजनीतिज्ञों की एक्सेस डार्क वेब तक है। मुंबई में इस समय कार्यरत केंद्रीय जाँच एजेंसियों को इस दावे की पड़ताल करने की आवश्यकता है। ये तो अब तय हो चुका है कि सुशांत की मौत आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या थी।
एम्स की जाँच रिपोर्ट के बाद कूपर अस्पताल के डॉक्टरों से भी सख्ती से पूछताछ की गई थी। जाँच एजेंसियों को सुशांत सिंह राजपूत की बहन और जीजा का वह वीडियो निकालना चाहिए, जिसमे वे पूर्व अकाउंटेंट से सख्ती से पूछताछ करते दिखाई दिए थे।
इस वीडियो में सुशांत की बहन को शक होता है कि कोई छुपकर उनका वीडियो बना रहा है। हालाँकि वे वीडियो बनाने वाले को कोशिश करने के बाद भी देख नहीं पाते। क्या सुशांत और उनके परिवार पर डार्क वेब की मदद से नज़र रखी जा रही थी।
डार्क वेब पर एक्सेस करना आसान नहीं होता। यहाँ गैरकानूनी गतिविधियों का अंजाम दिया जाता है इसलिए ये encrypted होता है। इसे एक्सेस करने के लिए विशेष ब्राउजर्स होते हैं। सामान्य ब्राउजर्स से इसे एक्सेस नहीं किया जा सकता।
इसके यूजर्स encryption tool की मदद से इसे एक्सेस कर पाते हैं। डार्क वेब पर हथियारों की डीलिंग, ड्रग्स का व्यापार और किसी की लाइव पिटाई दिखाने के लिए भी इस्तेमाल हो सकता है। इस पर रेप का लाइव टेलीकास्ट भी किया जाता है।
यदि बॉलीवुड के प्रभावशाली लोगों की गहन आईटी जाँच की जाए तो ये टूल बरामद किये जा सकते हैं। यदि विभोर आनंद के दावे में सच्चाई है तो केन्द्रीय एजेंसियों को मान लेना चाहिए कि वे सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण में अब तक सिर्फ ‘टिप ऑफ़ आइसबर्ग’ ही देख सके हैं।
Note:- वकील विभोर आनंद के इस बयान से इंडिया स्पीक्स डेली सहमत नहीं है। अभी तक उन्होंने इस बारे में कोई सबूत नहीं दिया है। इंडिया स्पीक्स ने उनसे ISD Live Streamimg में आने का अनुरोध भी किया, लेकिन वह कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। इस खबर को पाठकों के कहने पर वेब पर लिया गया है, लेकिन इसकी सत्यता की कोई भी पुष्टि India Speaks daily की संपादकीय और लीगल टीम नहीं करती है। धन्यवाद!
It is possible. Why would they send a entire IT team to destroy evidence and take away all his hard disk material. Either it could be this or AI project of Sushant is stolen by them.