अर्चना कुमारी। महाराष्ट्र राज्य अंतर्गत नागपुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय की रेकी करने वाले संदिग्ध आतंकी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया । उसने स्मृति मंदिर की भी रेकी की थी। पुलिस का दावा है कि हमेशा से ही मुस्लिम चरमपंथियों के निशाने पर संघ मुख्यालय रहा है और पकड़े गए आतंकवादी से पूछताछ जारी है।
पुलिस के अनुसार नागपुर स्थित संघ मुख्यालय की रेकी करने वाले संदिग्ध आतंकी को नागपुर की एटीएस टीम ने जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किया । दबोचे गए आरोपी की पहचान रईस अहमद असदुल्ला शेख के रूप में हुई है। प्राथमिक छानबीन और जांच में सामने आया है कि रईस, आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के लिए काम कर रहा था।
इसका मकसद मुख्यालय पर विस्फोट कर बड़ी संख्या में तबाही मचाना हो सकता था हालांकि वह कोई घटना को अंजाम देता उसे पहले ही उसे धर दबोचा गया । उसने पाकिस्तान स्थित अपने हैंडलर को रेकी किए जाने के दौरान बनाए गए वीडियो भेजे जाने की बात स्वीकार की है। सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस संदिग्ध आतंकी आरोपी को एक अन्य मामले में जनवरी में गिरफ्तार किया था, इसके बाद से वह जम्मू-कश्मीर पुलिस के हिरासत में था।
प्रोडक्शन वारंट पर नागपुर एटीएस ने रईस अहमद को हिरासत में लिया है और जल्द ही उसे नागपुर लाए जाने की तैयारी चल रही है। पता चला है कि रईस शेख पिछले साल जुलाई महीने में नागपुर आया था और उसने हेगडेवर स्मृति भवन कैंपस व अन्य महत्वपूर्ण स्थानों की रेकी की थी। मामले की जानकारी मिलने के बाद संघ मुख्यालय की सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी।
इसके बाद हेड गवार मेमोरियल बिल्डिंग क्षेत्र में ड्रोन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था । सूत्रों के मुताबिक, रईस ने स्वीकार किया कि उसने पाकिस्तान में जैश के आका के इशारे पर संघ मुख्यालय में रेकी की थी। हालांकि उसके निशाने पर कौन दक्षिणपंथी नेता टारगेट पर थे, इस बारे में पूछताछ चल रही है । गौरतलब है कि इससे पहले अक्टूबर 2020 में आरएसएस नेताओं पर आतंकी हमले की साजिश की बात सामने आई थी। उस समय यह कहा गया था कि हमले के लिए आतंकवादी आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) से लदी गाड़ी का इस्तेमाल विस्फोट के लिए कर सकते हैं।
उस दौरान खुफिया विभाग दिल्ली के मुताबिक, महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान और पूर्वोत्तर के राज्यों के दक्षिणपंथी नेताओं को टारगेट किया गया था। सनद रहे कि साल 2006 आरएसएस मुख्यालय पर एक आतंकी हमला हुआ था। उस समय एक लाल बत्ती वाली एम्बेसडर कार आरएसएस मुख्यालय की ओर आ रही थी। कार पर लाल बत्ती देख जवान कार चालक को रुकने का इशारा किया लेकिन उन लोगों ने फायरिंग कर दी जिसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए 3 आतंकवादी मार गिराए गए थे ।