रिजर्व बैंक आॅफ के गवर्नर रघुराम राजन ने अभी हाल ही में एक साक्षात्कार दिया! उसमें उन्होंने मोदी सरकार को धमकाने के अंदाज में कहा कि यदि वह मोदी सरकार के लिए कुछ बोलेंगे तो विवाद हो जाएगा! इससे पूर्व रघु राम राजन को जब दूसरा कार्यकाल नहीं मिला तो इसके लिए डाॅ. स्वामी को जिम्मेदार माना गया था, क्योंकि डाॅ. स्वामी ने उनकी नागरिकता से लेकर उनकी योजनाओं तक पर कई सवाल उठाए थे! उस दौरान देश की जनता ने देखा था कि रघुराम राजन के पक्ष में सबसे मुखर रूप से एनडीटीवी बोल रहा था! एक तरह से एनडीटीवी रघुराम राजन की लाॅबिंग के अंदाज में रिपोर्ट पेश करते हुए मोदी सरकार पर हमलावर था! फिलहाल डाॅ सुब्रहस्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक और पत्र लिखकर एनडीटीवी में हुए निवेश, भ्रष्टाचार व धन शोधन की जांच कराने की मांग की है, जिसमें एक पक्ष यह भी उभर कर सामने आया है कि रघुराम राजन ने आर्थिक घपलों में घिरे एनडीटीवी को बच कर निकलने का रास्ता दिया!
डाॅ. सुब्रहमनियन स्वामी ने 10 अगस्त 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा, जिसकी चर्चा सोशल मीडिया, खासकर अंग्रेजी वेब, टवीटर और फेसबुक पर बहुत ज्यादा हो रहा है! स्वामी ने एनडीटीवी, उसके मालिक प्रणव राय, उनकी पत्नी राधिका राय, पत्रकार बरखा दत्त, यूपीए सरकार में पूर्व गृहराज्य मंत्री रहे आरपीएन सिंह की पत्नी व एनटीवी की एंकर सोनिया सिंह एवं पत्रकार व एनडीटीवी के सीईओ विक्रम चंद्रा के खिलाफ सीबीआई-ईडी से जांच कराने की मांग प्रधानमंत्री से की है।
स्वामी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि ऐसे कुछ लोग जो यूपीए सरकार के पूर्व गृहमंत्री पी.चिदंबरम के संपर्क में थे, उन्होंने एनडीटीवी के प्रमुख व्यक्ति को बचाने का प्रयास किया और और इस टीवी चैनल को बचकर निकल जाने का रास्ता उपलब्ध कराया। उन्होंने लिखा है कि एनडीटीवी के खिलाफ जब मुकदमा पंचाट में ही था तो रघुराम राजन के नेतृत्व वाले रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया ने एनटीवी पर मामूली रकम का जुर्माना लगाकर उसे बच कर निकल जाने का रास्ता दिया!
गौरतलब है कि पूर्व वित्तमंत्री पी.चिदंबरम ही अपने कार्यकाल में रघुराम राजन को रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया का गर्वनर बनाकर लाए थे। यह भी आरोप है कि पी.चिदंबरम का करीब पांच हजार करोड़ का काला धन हवाला के जरिए एनडीटीवी में लगा हुआ है। ऐसे में डाॅ. स्वामी के पत्र से यह सवाल उठता है कि क्या रघुराम राजन एनडीटीवी को वित्तीय व आपराधिक कार्रवाई से बचाकर पी.चिदंबरम का एहसान उतार रहे थे? या फिर आरोप के मुताबिक पी.चिदंबरम के एनडीटीवी में लगे काले धन को बचाने का प्रयास कर रहे थे?
डाॅ. स्वामी द्वारा राजन पर हमले के बाद आखिर एनडीटीवी ही वह चैनल था, जो राजन के पक्ष में लगातार चैट-शो आयोजित कर लाॅबिस्ट की भूमिका में दिख रहा था! पी.चिदंबरम जहां एक ओर कह रहे थे कि मोदी सरकार इस योग्य ही नहीं है कि वह रघुराम राजन की योग्यता को पहचान सके तो दूसरी तरफ एनडीटीवी देश में यह माहौल बनाने पर तुला था कि यदि रघुराम राजन ने गवर्नर का पद छोड़ दिया तो भारतीय अर्थव्यवस्था संकट में घिर सकता है! जबकि यह सर्वविदित तथ्य है कि ऐसा कम ही होता है जब भारत की अर्थव्यवस्था सरकार बदलने के बाद भी पटरी बदले! ऐसे में एक गवर्नर के चले जाने से भारतीय अर्थव्यवस्था के खास्ताहाल हो जाने का भय पैदा करने की कोशिश कहीं न कहीं एनडीटीवी और रघुराम राजन के बीच के मजबूत संबंधों को दर्शाता है, जिसकी ओर डाॅ. स्वामी ने अपने पत्र में इशारा किया है!
सवाल उठता है कि क्या एनडीटीवी रघुराम राजन को दूसरा कार्यकाल देने की लाॅबिंग इसलिए कर रहा था ताकि रघुराम राजन आगे भी एनडीटीवी पर लगे धन शोधन अर्थात मनी लाउंड्रिंग मामले में पी.चिदंबरम और एनडीटीवी व उनके पूरे प्रबंधन को बचा सकें, जैसा कि एक बार उन पर करने का अरोप लग रहा है! यह सवाल गंभीर है, क्यांेकि इसके जरिए भारतीय रिजर्व बैंक जैसी महत्वपूर्ण संस्था का दुरुपयोग एक न्यूज चैनल को बचाने के लिए किए जाने का आरोप है! देश की संवैधानिक संस्था मनी लाउंड्रिंग के आरोप में घिरे किसी न्यूज चैनल को बचाने का प्रयास करे तो यह साफ तौर पर उस संवैधानिक संस्था के विघटन का प्रयास माना जाएगा! तो क्या रघुराम राजन ने अपने कार्यकाल में भारतीय रिजर्व बैंक जैसी मजबूत वित्तीय संस्था में विघटन के बीच बोए! रघुराम राजन-पी.चिदंबरम-एनडीटीवी का त्रिकोण तो कुछ ऐसा ही इशारा कर रहा है!
नोट-1: डाॅ. स्वामी द्वारा प्रधानमंत्री को भेजे गए तीन पेज के पत्र की काॅपी यहां देखें-
नोट-2: डाॅ. सुब्रहमनियन स्वामी द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में और भी कई गंभीर सवाल उठाए गए हैं, जिस पर एनडीटीवी ने भी पक्ष रखा है और pgurus.com जैसे वेबसाइट ने एनडीटीवी के सभी पक्षों को झूठ भी ठहराया है! अंग्रेजी में चल रहे इस युद्ध को छोटे-छोटे हिस्सों में अपने हिंदी पाठकों को इंडिया स्पीक्स लगातार उपलब्ध कराने का प्रयास करेगा..