“दुनिया सेटेलाइट के युग में पहुँच गई है और भारत अब भी मध्ययुग में विचरण कर रहा है। महिलाएं अब भी जौहर करती हैं। ढाई हाथ लंबे घूंघट डाले औरतें बाहर जाती हैं। भारत देश महिलाओं के लिए नर्क से कम नहीं है।” यदि कुख्यात अभिनेत्री स्वरा भास्कर के हालिया बयानों पर गौर किया जाए तो ऐसा ही लगेगा जैसा मैंने ऊपर लिखा है। वैनिटी वैन के एसी में बैठकर शूट का इंतज़ार करना और शूट होने के बाद फिर वैन में आकर बैठने वालों को लगता है कि महानगरी से बाहर का शेष भारत अब भी सपेरों का देश है।
स्वरा भास्कर को उनकी फिल्म ‘वीरे दी वेडिंग’ के अश्लील हस्तमैथुन सीन के लिए बुरी तरह लताड़ा जा रहा है। ट्वीटर-फेसबुक पर अब भी उनकी कसकर ट्रोलिंग हो रही है। इसके बाद भी उन्हें इसमें कुछ गलत नहीं लग रहा। स्वरा ने कहा ‘ये भारतीय समाज के लिए अनछुआ विषय है। इस पर बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा ये फिल्म ‘हस्तमैथुन’ से कुछ ज्यादा है। खैर ये स्वतंत्र समाज है इसलिए स्वरा बहुत कुछ कह सकती हैं। उनके लिए आधुनिकता का मतलब सिगरेट फूंकने और हस्तमैथुन की चर्चा करना है। वीरे दी वेडिंग में नारी आधुनिकता की परिभाषा यहीं बतलाई गई है।
इस फिल्म को दिखाने के लिए कुछ अभिभावक खुद अपनी बेटियों को लेकर गए। एक थिएटर में टीनएजर को एंट्री देने से मना कर दिया गया तो अभिभावक टॉकीज प्रबंधन से लड़ बैठे। उन बच्चियों ने क्या सीखा होगा। सिगरेट फूंकना, अश्लील बातें करना, माँ-बहन की गाली देना, पीकर धुत हो जाना ही नारी की सच्ची आधुनिकता है। आज बहस इस बात पर होनी चाहिए कि ‘आधुनिकता’ का मतलब आखिर होता क्या है। फटी जींस पहनकर औरों को आश्चर्यचकित करना ही क्या सच्ची आधुनिकता है।
स्वरा ने कभी होमी व्यारावाला का नाम सुना है। होमी देश की पहली महिला फोटोग्राफर थीं। स्वतंत्रता आंदोलन के समय से वे फोटोग्राफी करती थीं। ये वह भारत था, जब महिलाओं को कोई अधिकार प्राप्त नहीं थे लेकिन उस दौर में होमी जैसी साहसिक महिला आईं। 2011 में उन्हें भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। सच्ची आधुनिकता इसे कहते हैं।
स्वरा ने कभी सरला ठकराल का नाम सुना है। सरला ठकराल ने सन 1936 में ही पायलट का लाइसेंस प्राप्त कर लिया था, जब वे केवल 21 साल की थीं। उस दौर में परम्पराओं को तोड़ते हुए उन्होंने ‘ठकराल जिप्सी मॉथ’ नामक दो सीटों वाले विमान को उड़ाया था। तीस के दशक में महिला का स्कूल जाना ही बड़ी बात थी। ऐसे समाज में पायलट बन जाना हिमालय आरोहण से कम नहीं होगा। सच्ची आधुनिकता इसे कहते हैं।
किरण बेदी 1972 में आईपीएस बन चुकी थीं। बछेंद्री पाल ने 1984 में हिमालय की चोटी पर कदम रख दिया था। 58 साल की अरुंधति भट्टाचार्य स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की चेयरपर्सन हैं। 71 साल की सुमित्रा महाजन लोकसभा में स्पीकर की सफलतम भूमिका निभा रही हैं। केरल की टेसी थॉमस डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलॅपमेंट ऑर्गनाइजेशन में वैज्ञानिक हैं। सन 2011 में अग्नि मिसाइल-4 की प्रोजेक्ट डाइरेक्टर टेसी ही थीं।
‘हस्तमैथुन’ की चर्चा आधुनिकता नहीं होती स्वरा जी। महिलाओं को शिक्षित बनाना आधुनिकता है, अस्त्र-शस्त्र, मुक्केबाज़ी सिखाना आधुनिकता है। उन्हें अच्छा नागरिक बनाना आधुनिकता है। आधुनिकता तनिक ऊँची चीज है स्वरा जी। आपकी आधुनिकता का स्तर हस्तमैथुन और सिगरेट फूंकने तक ही सीमित है जबकि भारतीय महिलाएं नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहीं हैं। एक ओर आलिया भट्ट हैं जो ‘राजी’ फिल्म में भारतीय नारी की ताकत को महसूस करवाती हैं और एक आप हैं जिन्हे नितांत निजी विषयों को उघाड़ने में आधुनिकता महसूस होती है।
भारतीय नारी को बेचारी मत बनाइये। नारी विमर्श को सशक्त बनाना चाहिए न कि अपनी छद्म आधुनिकता के बदबूदार परफ्यूम का छिड़काव समाज पर करना चाहिए।
URL: Swara Bhaskar; Women’s freedom and modernity do not mean to mention cigarette smoking and masturbation
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