हिंदी कविता: भरी दुनिया में मैं अकेला हूं!
इस भरी दुनिया में अकेला हूं,पुस्तकों से मेरी यारी है,पुस्तकें ही छोड़ कर,गुजर जाना चाहता हूं,इस भरी दुनिया में हां अकेला हूं। सुन रहा हूं हर ओर का शोर,बह रहा हूं बस अपनी ओर,अपने...
इस भरी दुनिया में अकेला हूं,पुस्तकों से मेरी यारी है,पुस्तकें ही छोड़ कर,गुजर जाना चाहता हूं,इस भरी दुनिया में हां अकेला हूं। सुन रहा हूं हर ओर का शोर,बह रहा हूं बस अपनी ओर,अपने...