एक सुबह जब मैं घर से निकला!
एक सुबह,जब मैं घर से निकला,देखा तुम छत पर,ओस की बूंदों सी…
हिंदी कविता: भरी दुनिया में मैं अकेला हूं!
इस भरी दुनिया में अकेला हूं,पुस्तकों से मेरी यारी है,पुस्तकें ही छोड़…
इस भरी दुनिया में अकेला हूं,पुस्तकों से मेरी यारी है,पुस्तकें ही छोड़…
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