श्वेता पुरोहित- त्रिभुवनकमनं तमालवर्णं रविकरगौरवराम्बरं दधाने।वपुरलककुलावृताननाब्जं विजयसखे रतिरस्तु मेऽनवद्या ॥ आनन्द कन्द…
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