अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में भारत की दयनीय स्थिति का मूल कारण, एक बड़ी साजिश है!
सीमित संसाधन पर बढ़ता बोझ और बेतहाशा बढ़ती जनसंख्या ही भ्रष्टाचार की जननी है। एक कहावत है कि अभाव ही स्वभाव को नष्ट कर देता है। पिछले 20 सालों में अगर वैश्विक स्तर पर...
सीमित संसाधन पर बढ़ता बोझ और बेतहाशा बढ़ती जनसंख्या ही भ्रष्टाचार की जननी है। एक कहावत है कि अभाव ही स्वभाव को नष्ट कर देता है। पिछले 20 सालों में अगर वैश्विक स्तर पर...