Movie Review :खून से लथपथ लव हॉस्टल को नहीं देखा जाना चाहिए
बॉबी देओल का समर्पित अभिनय कचरे की टोकरी में ही जाकर गिरा है।
बॉबी देओल का समर्पित अभिनय कचरे की टोकरी में ही जाकर गिरा है।
इंडिया स्पीक्स डेली ये मांग उठा रहा था कि शूटिंग की अनुमति देने से पूर्व स्क्रिप्ट की जाँच की जाए।
यूनिट सदस्यों और प्रकाश झा के चेहरे पर कालिख पोत दी गई।
आश्रम का पहला सीजन देखने के बाद ये कहना होगा कि प्रकाश झा ने भी वही काम किया, जो शाहरुख़ खान क्लास ऑफ़ 83 बनाकर कर गए हैं। वास्तविक घटनाओं पर लिखी कहानी में काल्पनिक चरित्र डालकर परदे पर पेश करना अब एक निकृष्ट परंपरा बनती जा रही है।
हुसैन ज़ैदी एक ख्यात पत्रकार और लेखक हैं। उनकी किताब ब्लैक फ्राइडे पर बनी फिल्म अनुराग कश्यप ने निर्देशित की थी। उन्ही हुसैन ज़ैदी की एक किताब ‘क्लास ऑफ़ 83 : द पनिशर्स ऑफ़...