मैं अब्राहमिकों को ‘टिड्डे’ क्यों कहता हूं?
एक पाठक का प्रश्न:- सन्दीप जी, आप हमेशा हरे टिड्डे और सफ़ेद टिड्डे क्यों कहा रह रहें हैं, सीधा सीधा, मुस्लिम क्रिश्चियन कहिए ना! इसमें डर डर के बात कहने की क्या जरूरत है...
एक पाठक का प्रश्न:- सन्दीप जी, आप हमेशा हरे टिड्डे और सफ़ेद टिड्डे क्यों कहा रह रहें हैं, सीधा सीधा, मुस्लिम क्रिश्चियन कहिए ना! इसमें डर डर के बात कहने की क्या जरूरत है...
अमेरिका में 10 जनवरी 1963 को फ्लॉरिडा के सीनेटर AS Herlong Jr ने एक दस्तावेज़ प्रस्तुत किया था, जिसमें अमेरिका पर काबू पाने के लिए कम्युनिस्टों के 45 लक्ष्यों को गिनवाया था। इससे संबन्धित...
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के के आंकड़ों अनुसार, 2013 में बंगाल में राजनीतिक कारणों से 26 लोगों की हत्या हुई थी, जो किसी भी राज्य से अधिक थी। वर्ष 2015 में राजनीतिक झड़प...
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य रहे एपी अब्दुल्लाकुट्टी ने एक लेख लिखकर कम्युनिस्ट सरकार की वर्तमान क्रूरता नहीं बल्कि भूतकाल में की गई क्रूरता की भी पोल खोल दी है। उन्होंने केरल की ही...
बेगूसराय की राष्ट्रीय पहचान राष्ट्रकवि दिनकर से रही है। विद्यापति के सिमरिया घाट से रही है। देश की सबसे प्रतिष्ठित औद्धोगिक नगरी के रुप में रही है। बिहार के लेलीनग्राद की रही है। मिनी...
अतुल कुमार राय। अभी पुष्पा को जेएनयू आये चार ही दिन हुए थे कि उसकी मुलाक़ात एक क्रांतिकारी से हो गयी। लम्बी कद का एक सांवला सा लौंडा। ब्रांडेड जीन्स पर फटा हुआ कुरता...
इंडिया स्पीक्स डेली के प्रधानसंपादक और लेखक संदीप देव एक खोजी पत्रकार रहे हैं! उन्होंने भारत के कम्युनिस्टों के शुरूआती दौर के इतिहास पर ‘कहानी कम्युनिस्टों की’ के नाम से प्रथम खंड लिखा है!...
आज 9 अगस्त है। आज ही के दिन 1942 में महात्मा गांधी ने ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ को क्रियान्वित किया था। आज राहुल गांधी की कांग्रेस पार्टी जिस कम्युनिस्ट पार्टी के साथ सांठगांठ कर सत्ता...
दादा ने संविधान बनाया पोता लोकतंत्र को लहूलुहान करने पर है आमादा! भीमराव आंबेडकर से कम्युनिस्ट, कट्टरपंथी और कांग्रेस तीनों नफरत करते थे! आज उनका पोता इन्हीं तीनों के हाथ में खेलते हुए लोकतंत्र...
आज पहली मई है। पहली मई को पूरी दुनिया के मजदूर इसे ‘मजदूर दिवस’ या ‘मई दिवस’ के रूप में मनाते हैं। इसकी शुरुआत एक यूटोपिया समाज की रचना को लेकर हुआ था, जिसकी...
रामेश्वर मिश्र पंकज। समाजवाद के नाम पर फैलाए गए अज्ञान और कुशिक्षा के कारण सामान्य भारतीय शिक्षित व्यक्ति को संसार के बारे में विचित्र विचित्र धारणाएं हैं। उदाहरण के लिए उस ने मान लिया...
1)#कहानीकम्युनिस्टोंकी मांग अंग्रेजी में बढ़ रही है! अंग्रेजी पत्रिका भी अब इसका रिव्यू छाप रही हैं। अंग्रेजी पत्रिका DayAfter के पत्रकार असित मनोहर की समीक्षा देखकर लग रहा है कि उन्होंने बेहद बारीकी से...
पारिजात सिन्हा। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले ने विवादित स्थल पर मंदिर होने के शोधपूर्ण वैज्ञानिक निष्कर्षों की पुष्टि तो की ही थी, साथ ही साथ मस्जिद-कमिटी की ओर से गवाह के तौर...
मैं हिंदू नहीं हूँ. और निश्चित रूप से मुस्लिम भी नहीं हूँ. तो जब मैंने १९९० के बसंत में अपनी पिछली पुस्तक ‘राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद, हिंदू-मुस्लिम विवाद में एक केस स्टडी’ लिखना प्रारम्भ...
आनंद कुमार। दुनिया के जघन्यतम अपराध क्रांतियों की आड़ लेकर हुए हैं। विश्व युद्धों की जड़ में कहीं ना कहीं क्रांति की आड़ में छुपे बैठे ऐसे ही भेड़िये थे जिन्होंने भेड़ की खाल...
शैलेश भारद्वाज। किताब के शीर्षक से ही आप समझ गए होंगे की इसमें कम्युनिस्टों की कहानी है। ऐसे कम्युनिस्टों की कहानी जिसने प्रत्यक्ष रूप से कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े थे, इससे भी महत्वपूर्ण है,...
अमेरिकन खुफिया एजेंसी CIA द्वारा वर्तमान में जारी दस्तावेज में कहा गया है कि सोवियत संघ कांग्रेस पार्टी व नेताओं सहित, इंदिरा गांधी मंत्रीमंडल के 40 फीसदी मंत्रियों को फंडिंग करती थी। इसके अलावा...
आज नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती है। पुस्तक ‘कहानी कम्युनिस्टों की’ में नेताजी पर एक लंबा खंड है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) नेताजी से नफरत करती थी और उनके खिलाफ घृणा का प्रचार करती...