सुशांत पर बनी फिल्म सच दिखाएगी या उनकी छवि पर अपयश का कीचड़ फेंकेगी
सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत पर एक निर्देशक दिलीप गुलाटी ने ‘न्याय: द जस्टिस’ फिल्म बनाई है। इसके निर्माता सरला सरावगी और राहुल शर्मा हैं।
सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत पर एक निर्देशक दिलीप गुलाटी ने ‘न्याय: द जस्टिस’ फिल्म बनाई है। इसके निर्माता सरला सरावगी और राहुल शर्मा हैं।
तीन एजेंसिया आठ माह से मुंबई में बैठी हैं लेकिन सफलता के नाम पर उनके पास एक भी महत्वपूर्ण लीड नहीं है।
ऐसा कौनसा रहस्यमयी दबाव है, जिसके तहत एक अभिनेता को तीन सप्ताह से छूट दी जा रही है।
उसने दंडात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की, जबकि राष्ट्रपति द्वारा प्रदत्त शक्तियां उसके पास थी।
स्त्री का मातृत्व एक निजी अनुभूति है। ये अनुभूति उसके और उसके परिवार की निजी थाती होती है।
देश को लग रहा है कि उसने कंगना के साथ खड़े होकर गलत ही किया था।
एक समय उन्हें असीम संभावनाओं वाली अभिनेत्री में शुमार किया जाता था और आज वे एक अनचाहा नाम बन गई हैं।
अभिनेता अर्जुन रामपाल को एनसीबी किसी भी समय गिरफ्तार कर सकती है।
एनसीबी तो मुंबई में इतनी निरीह अवस्था में है कि उसके चीफ को गली में ड्रग्स बेचने वाला पीटकर चला जाता है और चीफ साहब कुछ नहीं कर पाते।
बॉलीवुड के लोगों के साथ एनसीबी विशेष नरमी दिखा रही है। गुरुवार को फिल्म अभिनेता अर्जुन रामपाल ने एनसीबी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया
बॉलीवुड में ड्रग्स को लेकर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने अभिनेता अर्जुन रामपाल को एक बार फिर पूछताछ के लिए समन किया है।
बॉलीवुड को लेकर देश के नागरिकों में जो स्वः स्फूर्त सत्याग्रह चल पड़ा है, उसे न केवल केंद्र सरकार, बल्कि खुद बॉलीवुड नज़रअंदाज़ कर रहा है।
इनके चीफ पर गली में ड्रग्स बेचने वाले प्राणघातक हमला कर जाते हैं और इसके बाद भी मुंबई में ड्रग्स की सप्लाई बाधित नहीं होती।
जो हम देखना नहीं चाहते, वह हम पर थोपा जा रहा है। थोपा इसलिए जा रहा है कि बॉलीवुड की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में न आ जाए।
‘एके वर्सेज एके’ में अनिल कपूर ने लगभग आधी से अधिक फिल्म में वायुसेना की वर्दी पहनी है। ये वर्दी पहनकर अनिल कपूर सांता कैप लगाए दिखाई देते हैं।
अक्षय कुमार तो अपनी फिल्म में राम का मज़ाक बनाते देखे गए हैं और ये भी कहते देखे गए हैं कि वैष्णो देवी के दर्शन करने से व्यक्ति को कोई लाभ नहीं होता है।
जिस दिन भारती ने कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी लगाई थी, उस दिन एनसीबी का कोई अधिकारी या वकील कोर्ट में मौजूद ही नहीं था।
योगी जी या उनकी सरकार के किसी मंत्री ने कभी ये कहा हो कि हम बॉलीवुड को मुंबई से छीन लेंगे। संजय राउत और उद्धव ठाकरे इतने इनसिक्योर क्यों हैं।
कंगना रनौत की संजय दत्त से मुलाक़ात के बाद उनके प्रशंसक नाराज़ हैं। एक ओर वे ड्रग्स के विरुद्ध अभियान चलाती है तो दूसरी ओर ड्रग्स के जीते-जागते प्रतीक संजय दत्त के साथ मुलाक़ात करती हैं।
मध्यप्रदेश सरकार को कोई बताने वाला नहीं था कि जिस किताब पर मीरा नायर ने ये फिल्म बनाई थी, उसके लेखक विक्रम सेठ भारत और यहाँ के धर्म के प्रति एक दूषित सोच रखते हैं।