इमरान खान के लिए भारत की कोई महिला पत्रकार बिना अंगिया पहने चली जाए तो फिर उसका उद्देश्य साक्षात्कार लेना नहीं, बल्कि ‘कुछ और’ है!
वामपंथ ने हमेशा, विरोधियों के चरित्र का हनन किया है, जबकि इनका खुद का चरित्र बहुत गिरा हुआ है। इसलिए मैंने कांगी-वामी के चरित्र का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण करने का बीड़ा उठाया है ताकि कांटे...