कलम आज उनकी जय बोल
जला अस्थियां बारी-बारी, चटकाई जिनमें चिंगारी,जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर,लिए बिना गर्दन…
आओ फिर से दिया जलाएँ
आओ फिर से दिया जलाएँ अटल बिहारी वाजपेयी आओ फिर से दिया…
जला अस्थियां बारी-बारी, चटकाई जिनमें चिंगारी,जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर,लिए बिना गर्दन…
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