हंस और डिम्भक की कथा का अंतिम भाग – भाग १९
श्वेता पुरोहित। श्रीकृष्ण द्वारा हंस का वध और डिम्भक की आत्महत्या वैशम्पायनजी…
हंस और डिम्भक की कथा – भाग १८
श्वेता पुरोहित। गोवर्धन पर्वत के समीप हंस और डिम्भक के साथ यादवों…
हंस और डिम्भक की कथा – भाग १७
श्वेता पुरोहित। हंस और डिम्भक की कथा हिडिम्ब के साथ वसुदेव और…
हंस और डिम्भक की कथा – भाग १४
श्वेता पुरोहित। हंस और डिम्भक की कथा उभयपक्ष की सेनाओं का घमासान…
हंस और डिम्भक की कथा – भाग १६
श्वेता पुरोहित। हंस और बलभद्र का युद्ध तथा सात्यकि और डिम्भक का…
हंस और डिम्भक की कथा – भाग १५
श्वेता पुरोहित। श्रीकृष्ण और विचक्रका घोर युद्ध तथा विचक्रका वध वैशम्पायनजी कहते…
हंस और डिम्भक की कथा – भाग १३
श्वेता पुरोहित। हंस और डिम्भक की सेनाओं का पुष्करतीर्थ में प्रवेश वैशम्पायनजी…
हंस और डिम्भक की कथा – भाग १२
श्वेता पुरोहित। हंस और डिम्भक के सात्यकि के प्रति रोषपूर्ण वचन तथा…
हंस और डिम्भक की कथा – भाग ११
श्वेता पुरोहित। जनार्दन का हंस को श्रीकृष्ण दर्शन जनित अपना उल्लास बताना,…
हंस और डिम्भक की कथा – भाग १०
श्वेता पुरोहित। सात्यकि सहित जनार्दन का शाल्व नगर में जाना, हंस से…
हंस और डिम्भक की कथा – भाग ९
श्वेता पुरोहित। जनार्दन का सुधर्मा सभा में जाकर भगवान् श्रीकृष्ण के दर्शन…
हंस और डिम्भक की कथा – भाग ८
श्वेता पुरोहित । जनार्दन का हंस को समझाना, किंतु हंस का उनकी…
हंस और डिम्भक की कथा – भाग ६
श्वेता पुरोहित। दुर्वासा का रोष, हंस द्वारा उनका तिरस्कार, दुर्वासा द्वारा उन…
हंस और डिम्भक की कथा – भाग ५
श्वेता पुरोहित। हंस और डिम्भक द्वारा संन्यास की निन्दा तथा जनार्दन द्वारा…
हंस और डिम्भक की कथा – भाग ४
श्वेता पुरोहित। पुष्कर तीर्थ के तट पर दुर्वासा मुनि और यतिगण से…
हंस और डिम्भक की कथा – भाग ३
श्वेता पुरोहित। मृगया वैशम्पायनजी कहते हैं - किसी समय वे दोनों वीर…
हंस और डिम्भक की कथा – भाग २
श्वेता पुरोहित। तपस्या और विवाह राजकुमार हंस और डिम्भक भगवान् शंकर के…
हंस और डिम्भक कौन थे ? भाग १
श्वेता पुरोहित। शाल्वदेश में ब्रह्मदत्त नाम से प्रसिद्ध एक श्रेष्ठ राजा राज्य…
पांच इंद्र और स्वर्ग लक्ष्मी – पांडवों और पांचाली के पूर्व जन्म का रहस्य
श्वेता पुरोहित। महाभारत महाकाव्य में वैवाहिक पर्व में, जब राजा ध्रुपद को…
राजधर्म: राजपुरोहित एवं अमात्यों की नियुक्ति
प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज। गुणों, नीतियों और कर्तव्यों की विवेचना के साथ…