फिल्म समीक्षा: आशुतोष गोवारिकर के फिल्मी करियर का सबसे भद्दा अध्याय है पानीपत
जब इस फिल्म की कॉस्ट सामने आई थी, तभी अहसास हो चला…
‘होटल मुंबई’ हमारे जख्मी सीनों का ऐतिहासिक दस्तावेज है
रामगोपाल वर्मा की फिल्म 'अटैक्स ऑफ़ 26/11' उस आतंकी हमले पर उथले…
फिल्म रिव्यू: फार्मूला वाली अलमारी खाली हो चुकी है – पागलपंती
सन 1998 में निर्देशक अनीस बज़्मी ने 'प्यार तो होना ही था'…
इन एंजल्स में वो बात नहीं – चार्लीज एंजल्स फिल्म रिव्यू
कभी न नज़र आने वाले चार्ली की तीन हसीनाओं की याद अब…
फिल्म समीक्षा – रेव-9 से केवल बचकर भागा जा सकता है – टर्मिनेटर – डार्क फेट
पृथ्वी के भविष्य से दो प्रकार के मशीनी मानव वर्तमान में भेजे…
एक टाइमपास फिल्म, जो अच्छा सन्देश देती है फिल्म रिव्यू: उजड़ा चमन
गंजापन और मोटापा ऐसी बीमारियां हैं, जो जवानी में हो जाए तो…
फिल्म उद्योग की दीपावली बंदूक की नाल से छूटी – फिल्म रिव्यू – सांड की आंख
चंदो तोमर और प्रकाशी तोमर की निशानेबाज़ी से प्रभावित होकर अलवर की…
शोर करने वाला पटाखा है ‘हॉउसफुल : 4, ये रंग नहीं बिखेरती
बेशक फ़िल्में मनोरंजन के लिए बनाई जाती है। ये बात 'हॉउसफुल: 4…
हर आदमी के भीतर एक ‘जोकर’ छुपा है
काल्पनिक शहर 'गॉथम सिटी' डीसी कॉमिक्स के पन्नों से लेकर बैटमैन की …
ऋत्विक का स्टारडम ही ‘वॉर’ की यूएसपी है
मेजर कबीर लूथरा आर्मी से गद्दारी कर फरार हो गया है। कबीर…
‘प्रतिशोधी रिव्यू’ के कारण आप कहीं एक नेक फिल्म देखने से वंचित न रह जाए
सत्तावन के स्वाधीनता संग्राम की भीषण आग सुलगने से ग्यारह साल पहले…
पल पल दिल के पास रिव्यू – आंगन में लगा फल ‘अधकच्चा’ ही तोड़ लिया
धर्मेंद्र के दोनों बेटों सनी और बॉबी का बॉलीवुड पदार्पण बहुत शानदार…
सेक्शन 375 मर्ज़ी या ज़बरदस्ती
सबके अपने 'सत्य'हैं, सबके अपने 'दृश्य' ख्यात फिल्म निर्देशक अपनी जूनियर को…
कम बजट की ड्रीमगर्ल चलेगी लेकिन दिल में नहीं उतरेगी
जब तक दर्शकों को ये पता चलता कि महज तीस करोड़ की…
फिल्म समीक्षा : छिछोरे, न आंसू रोक पाएंगे और न हंसी.
आत्महत्या की कोशिश कर चुका अनिरुद्ध का बेटा आईसीयू में अपनी वापसी…
फ़िल्म समीक्षा : भारत के मंगलयान के बनने और लॉन्च होने की कहानी कहती अक्षय कुमार की Mission Mangal
'मिशन मंगल का प्रमुख राकेश धवन और प्रोजेक्ट डायरेक्टर तारा शिंदे की…
फिल्म समीक्षा : कांग्रेस काल में आतंक के नाम पर खेले गये खेल को उजागर करती जाॅन इब्राहिम की बटला हाउस!
डीसीपी संजीव कुमार यादव की टीम दिल्ली के ज़ाकिर नगर पहुंची है।…
फिल्म समीक्षा: संजीदा वायलन पर दर्द भरी धुन का ऐहसास कराता Super 30
'आनंद के शहर की लाइब्रेरी में विदेशी जर्नल्स नहीं आते इसलिए वह…
स्पाइडर का रोमांटिक जाल!
सिनेमा के परदे पर पीटर पारकर और एमजे का टीनएज रोमांस देखते-देखते…
फिल्म समीक्षा : सच्चा है आर्टिकल 15 और झूठी है ये फिल्म!
भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को स्वछंदता समझ लिया गया है। ये…