निश्चिन्त होना हो तो अपना सर्वस्व परमात्मा को सौंप दो!
अगर तुम निश्चिंत होना चाहो,तो छोटा-सा काम है बस; जरा-सी तरकीब है;जरा-सी…
‘जहां कहीं भी तुम्हारा अवधान उतरे, उसी बिंदु पर, अनुभव।’
झेन संत बोकोजू ने कहा है, मैं यही एक ध्यान जानता हूं।…
रविवार विशेष : बस पृथ्वी ही जानती है फल्कानेली का रहस्य
जब सन 1940 में जर्मनी का वैज्ञानिक वार्नर हैसिनबर्ग नाभिकीय विखंडन पर…
योग, ध्यान और देह!
मंदिर से अर्थ है तुम्हारी देह से! क्योंकि, इसी मंदिर में तो…
ओशो ने कहा था समलैंगिकता एक यौन विकृति है, जो पश्चिमी समाज की देन है!
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को कानूनी कर दिया है। एक…
‘ध्यान’ अपने मन के प्रति जागरूक होने की साधारण सी प्रक्रिया है- ओशो
ध्यान कया है? ध्यान अपने मन के प्रति जागरूक होने की साधारण…
जब जर्मन सम्राट के पुत्र ने ओशो का चौकीदार बनने के लिए त्याग दिया था अपना राजपाट!
यह सच्ची दास्तान है, एक राजकुमार ने कभी एक बुद्ध पुरुष की…
कृष्ण ने भूल कर भी किसी स्त्री का अपमान नहीं किया, जबकि महावीर, बुद्ध, जीजस के वचनों में स्त्रियों के अपमान की संभावना है: ओशो
प्रश्न- कृष्ण को इतनी स्त्रियाँ प्रेम क्यों करती थी और कृष्ण भी…
Mother Teresa is a Deceiver, Charlatan and Hypocrite: OSHO
For decades, Osho was a critic of Mother Teresa of Calcutta and…
ओशो ने संभोग से समाधि तक जाने की एक कला प्रदान की, जो समझने वाली बात है!
ओशो का नाम सुनते ही मस्तिष्क मे एक ही शब्द उभरता है,…
पत्नी का इतना अधिक प्रेम केवल भारत में घट सकता है, और कहीं नहीं: OSHO
ओशो । एक बहुत सुन्दर कहानी है। एक महान दार्शनिक था, विचारक,…
ओशो का अपना कोई दर्शन, कोई सिद्धांत नहीं, उनकी चेतना एक शून्य है!
मां माधवी राय। 19 जनवरी, ओशो के महापरिनिर्वाण दिवस पर हम सभी…
जीसस का कोई भी सन्देश उपनिषद के आस-पास भी नहीं है: OSHO
OSHO। पिछले दो हजार साल से तुम गुलाम हो। तुम्हारी गुलामी और…
आंखों का कोई संस्कारित रूप नहीं होता,यह शुद्ध प्रकृति हैं ! ओशो
OSHO । आंखों का कोई संस्कारित रूप नहीं होता,आंखें शुद्ध प्रकृति हैं।…
मदर टेरेसा एक औसत दर्जे की पाखंडी कैथोलिक महिला थीं, न कि कोई संत: osho
 मदर टेरेसा को नोबल पुरस्कार मिलने पर ओशो ने मदर टेरेसा…
भारत एक सनातन यात्रा है, एक अमृत पथ है, जो अनंत से अनंत तक फैला हुआ है। इसलिए हमने कभी भारत का इतिहास नहीं लिखा: ओशो
Osho. पृथ्वी के इस भूभाग में मनुष्य की चेतना की पहली किरण…
प्रेम में यदि ईर्ष्या है तो फिर वह प्रेम है ही नहीं: ओशो
ओशो वाणी प्रेम में ईर्ष्या हो तो प्रेम ही नहीं है; फिर…