आंखों का कोई संस्कारित रूप नहीं होता,यह शुद्ध प्रकृति हैं ! ओशो
OSHO । आंखों का कोई संस्कारित रूप नहीं होता,आंखें शुद्ध प्रकृति हैं।…
मदर टेरेसा एक औसत दर्जे की पाखंडी कैथोलिक महिला थीं, न कि कोई संत: osho
 मदर टेरेसा को नोबल पुरस्कार मिलने पर ओशो ने मदर टेरेसा…
भारत एक सनातन यात्रा है, एक अमृत पथ है, जो अनंत से अनंत तक फैला हुआ है। इसलिए हमने कभी भारत का इतिहास नहीं लिखा: ओशो
Osho. पृथ्वी के इस भूभाग में मनुष्य की चेतना की पहली किरण…
प्रेम में यदि ईर्ष्या है तो फिर वह प्रेम है ही नहीं: ओशो
ओशो वाणी प्रेम में ईर्ष्या हो तो प्रेम ही नहीं है; फिर…