कलम आज उनकी जय बोल
जला अस्थियां बारी-बारी, चटकाई जिनमें चिंगारी,जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर,लिए बिना गर्दन…
तू माफी के योग्य नहीं
तूने सारी आशा तोड़ी , अब माफी के योग्य नहीं ; कानून…
औरत का हौसला
कमलेश कमल. औरत में ख़ून की कमी हो सकती हैहौसले की नहींघर…
प्रभु जी तुम दीपक हम बाती, जाकी ज्योति बरै दिन-राती’ का वास्तविक अर्थ!
कमलेश कमल. कबीर के समकालीन ही बनारस में एक ऐसे समदर्शी संत…