जीवन में चहकने और फुदकने के मायने भी हमने गौरैया से सीखे!
हेमंत शर्मा। गौरैया, अम्मा और आंगन. मेरे बचपन की ये यादें हैं. अम्मा रहीं नहीं. अब घरों में आंगन भी नहीं रहे. गौरैया भी मेरे घर आती नहीं. मेरी वे यादें छिन गईं, जिन्हें...
हेमंत शर्मा। गौरैया, अम्मा और आंगन. मेरे बचपन की ये यादें हैं. अम्मा रहीं नहीं. अब घरों में आंगन भी नहीं रहे. गौरैया भी मेरे घर आती नहीं. मेरी वे यादें छिन गईं, जिन्हें...