Movie Review: महेश बाबू के आस्तीन चढ़ाते ही सिनेमा हॉल में सीटियां गूंजने लगती है
सरकारु वारी पाटा महेश बाबू के स्टार पॉवर से प्रज्ज्वलित होती है।
सरकारु वारी पाटा महेश बाबू के स्टार पॉवर से प्रज्ज्वलित होती है।
विजय मिश्रा का कैमरा संचालन रक्तांचल की सुंदरता बढ़ाता है
ये विश्व की एकमात्र ऐसी फिल्म है, जिसमे हर चौथे संवाद में ‘फकिंग’ शब्द आता है।
अहान का सपाट अभिनय उनके काम को निखार नहीं सका।
भारत में फिल्म ने बहुत कमज़ोर ओपनिंग ली है।
पॉल एट्रेडीज ओशियन ग्रह के राजवंश का उत्तराधिकारी है।
मेडलिन बॉन्ड के लिए शुरु से ही रहस्य के कुहासे में लिपटी सुंदरी रही है।
सिंहासन बचाने के प्रयास में सलमान ने फिल्म का सत्यानाश कर दिया है।
शीला जैसे लोग वह बंद द्वार हैं, जिन्हें खोलकर आज भी आप ओशो के जीवन के किसी अध्याय में प्रवेश कर सकते हैं।
इस अज्ञात सभ्यता की स्त्रियां वीरोचित स्वभाव की थी। वे रण में जाकर अपना युद्ध कौशल दिखाती थी।
विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म ‘शिकारा’ में दहशत दिखाई देती है, दहशतगर्द नहीं। गोलियां दिखाई देती हैं, बंदूक नहीं। घर जलते हैं लेकिन जलाने वाले हाथ दिखाए नहीं जाते। मानो ये दहशत बिना सिर-पैर...
नासा वैज्ञानिक आफिया एक चिम्पांजी को प्रशिक्षण देकर मंगल ग्रह पर जाने के लिए तैयार करती है। चिम्पांजी एन वक्त पर धोखा दे जाता है और आफिया के प्रेम में पागल बउआ सिंह चिम्पांजी...