प्रोमो रिव्यू : रामयुग
विपुल रेगे। रामायण एक ऐसा ग्रंथ है, जिसके हर एक अध्याय पर एक संपूर्ण फिल्म बनाई जा सकती है। इस महाग्रंथ पर फिल्म या सीरियल बना लेना बड़ा ही कठिन कार्य है। इसकी विशालता को एक छोटे से स्क्रीनप्ले में समेट लेना एक दुष्कर कार्य है। रामानंद सागर ने ये कार्य अनुपम शैली में किया था किंतु बड़े परदे पर अब तक कोई भी निर्माता रामकथा की भव्यता को परदे पर प्रस्तुत नहीं कर सका है। नितेश तिवारी और आमिर खान महाभारत पर फिल्म बनाने की सोचते रह गए और इधर एक फिल्म निर्माता कुणाल कोहली ने रामकथा को वेबसीरीज के रुप में उतारने की तैयारी भी कर ली है। रामयुग नामक ये वेब सीरीज 6 मई को MX Player पर प्रदर्शित होने जा रही है।
फिल्म निर्देशक कुणाल कोहली बहुत समय से फिल्म निर्माण से दूर थे। सन 2006 में आमिर खान के साथ ‘फना’ उनकी आखिरी हिट फिल्म थी। इसके बाद वे फ्लॉप होते चले गए थे। एक प्रतिभाशाली निर्देशक जब गलत विषय चुनने लग जाते हैं तो ऐसे ही परिणाम सामने आते हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वे एक फिल्म बना चुके हैं, जिसकी चर्चा भी नहीं हुई।
अब वे ओटीटी पर ‘रामयुग’ लेकर आ रहे हैं। इसके प्रोमो देखकर लग रहा है कि कुणाल कोहली की प्रतिभा को एक नई धार मिल गई हो। कुणाल कोहली को वर्तमान महामारी काल को देखते हुए विचार आया कि निराशा के इस वातावरण में सकारात्मकता और आशा का प्रसार करना बहुत आवश्यक हो गया है।
कोहली ने इस वेबसीरीज को लेकर कहा है ‘देश बेहद कठिन समय से गुजर रहा है और हम आशा करते हैं कि इस महाकाव्यात्मक कहानी का फिर से कहना उन्हें प्रेरित करेगा और उनके परिवारों को शक्ति देगा जो एक साथ बैठकर इस कहानी को देख सकते हैं। वेब सीरीज का प्रोमो दो तरह से प्रेरणादायक है। यदि ये सफल रहती है तो ये भ्रम समाप्त हो जाएगा कि लोग ओटीटी पर केवल अश्लील कंटेंट ही देखना पसंद करते हैं।
दूसरा महामारी के चलते समाज में जो निराशा व्याप्त हो गई है, वह थोड़ी दूर हो सकती है। प्रोमो आस जगाता है। कहीं-कहीं कुछ कलाकार औसत दिखाई देते हैं लेकिन उसे नज़रअंदाज़ किया जा सकता है। मुझे इस प्रोमो में ये बात पसंद आई कि रामायण की मूल आत्मा को यथावत रखने का प्रयास किया गया है।
एक और बात ये अच्छी लगी कि कुणाल कोहली ने तकनीक का सुंदर प्रयोग किया है। इसमें रावण को एक नए स्वरूप में प्रस्तुत किया गया है। इसके संवाद भी सुंदर है। जैसे ‘ मानवता का ये दुर्भाग्य रहा है कि शक्तियां अशुभ के हाथों में गई है। ‘ मैं सूर्यवंशी रामचंद्र ये प्रण करता हूँ कि संसार को राक्षसों से मुक्त करवाऊंगा। ‘ इस विनाश लीला में अत्याचार पक्ष अपने अत्याचारों का दण्ड पाएगा।’
इस समय जब देश महामारी की दूसरी भयंकर लहर से युद्धरत है तो ऐसी विपरीत परिस्थिति में रामकथा का नए स्वरूप में आना शुभता लेकर आएगा। रामकथा का प्रसारण नागरिकों के आत्मबल में वृद्धि करेगा। कुणाल कोहली एक पवित्र उद्देश्य को लेकर आपके सामने आ रहे हैं।