पाकिस्तान से आए हिंदू राजधानी के विभिन्न इलाकों में टेंट में रहकर अपना गुजर-बसर कर रहे हैं लेकिन रोहिंग्या मुसलमानों को दिल्ली के बक्करवाला गांव में फ्लैट दिए जाने का निर्णय लिया गया है । सरकार का कहना है कि भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है, जिन्होंने देश में शरण मांगी है। एक ऐतिहासिक फैसले में सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में ईडब्ल्यूएस फ्लैटों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं उन्हें मूलभूत सुविधाएं, यूएनएचसीआर आईडी और चौबीसों घंटे प्रदान किया जाएगा जबकि इन्हें दिल्ली पुलिस का संरक्षण प्राप्त होगा।
इस फैसले को लेकर दावा किया जा रहा है सीएए यानी की नागरिक संशोधन कानून कानून को लेकर जानबूझकर अफवाह फैलाया गया। जिसके चलते इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया लेकिन भारत हमेशा से शरणार्थी नीति को सम्मान करता है । शरणार्थी सम्मेलन 1951 के तहत सभी को उनकी जाति, धर्म या पंथ की परवाह किए बिना शरण प्रदान किया गया है। लेकिन सरकार का यह फैसला चौंकाने वाला है क्योंकि मुस्लिम तुष्टीकरण नहीं करने की बात कह कर सत्ता में आने वाली भाजपा भी अब उसी राह पर चल पड़ी है जबकि आम आदमी पार्टी के लिए तो रोहिंग्या मुसलमान वोट बैंक है ।
सूत्रों का कहना है कि दिल्ली के टेंटों में रहने वाले लगभग 1,100 रोहिंग्याओं को जल्द ही बुनियादी सुविधाओं और चौबीसों घंटे सुरक्षा से लैस फ्लैटों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। दिल्ली तथा आसपास के इलाकों में चोरी, झपटमारी तथा अन्य अपराधिक वारदातों को अंजाम देने के लिए कुख्यात रोहिंग्याओं के घर के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद मंगलवार को यह निर्णय लिया गया है। बैठक की अध्यक्षता दिल्ली के मुख्य सचिव ने की और इसमें दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
इससे पहले जुलाई के अंतिम सप्ताह के दौरान हुई बैठक में इस बात पर जोर दिया गया था कि दिल्ली सरकार मदनपुर खादर इलाके में रोहिंग्याओं के शिविर में आग लगने की घटना के बाद टेंट के लिए लगभग 7 लाख रुपये प्रति माह का किराया वहन कर रही है। लेकिन अब इन लोगों को पक्का मकान मिल जाएगा। सरकार का कहना है कि इन शरणार्थियों को जल्द ही बाहरी दिल्ली के बक्करवाला गांव में नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) के फ्लैटों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
आर्थिक कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी से संबंधित कुल 250 फ्लैट हैं जहां सभी 1,100 रोहिंग्या को शिफ्ट कर दिया जाएगा। बैठक में दिल्ली पलिस को निर्देश दिया गया कि जिस परिसर में ये फ्लैट स्थित हैं, वहां सुरक्षा मुहैया कराएं और दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग को पंखा, तीन वक्त का खाना, लैंडलाइन फोन, टेलीविजन और मनोरंजन सुविधाओं जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है।
मोदी सरकार का कहना है कि दिल्ली सरकार को फ्लैट को बुनियादी सुविधाओं से लैस करने और इसे एफआरआरओ (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय) को सौंपने का आदेश दिया गया है। हालांकि एक शर्त रखी गई है जिसके तहत सभी रोहिंग्या जिन्हें इन फ्लैटों में स्थानांतरित किया जाएगा, उनके पास संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) की विशिष्ट आईडी है और उनका विवरण रिकॉर्ड में है। बैठक की अध्यक्षता दिल्ली के मुख्य सचिव ने की, और दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।