अर्चना कुमारी महाराष्ट्र के पुणे में पोर्श कार दुर्घटना में शामिल किशोर के रक्त के नमूनों को एक महिला के खून के नमूनों से बदला गया ताकि यह साबित किया जा सके कि इस हादसे के समय वह नशे की हालत में नहीं था।
पुलिस ने बृहस्पतिवार को एक अदालत में यह जानकारी दी। सत्र न्यायालय ने पुलिस की याचिका स्वीकार कर ली और इस मामले में गिरफ्तार किए गए ससून जनरल अस्पताल के दो चिकित्सकों और एक कर्मचारी की हिरासत अवधि पांच जून तक बढा दी।
पुलिस ने अदालत से कहा कि वे उस महिला की पहचान करना चाहते हैं जिसके खून के नमूनों से किशोर के रक्त के नमूनों को बदला गया था।
सरकारी सूत्र ने ‘बताया कि वह कोई और नहीं बल्कि किशोर की मां थी। नमूनों की कथित अदला-बदली का मामला सामने आने के बाद ससून अस्पताल के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के तत्कालीन प्रमुख डॉ. अजय तावड़े, चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हलनोर और कर्मचारी अतुल घाटकांबले को गिरफ्तार किया गया था।
उनकी प्रारंभिक हिरासत समाप्त होने पर उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया गया। पुलिस ने उनकी आगे की हिरासत की मांग करते हुए कहा कि डॉ. हलनोर ने किशोर के रक्त के नमूनों को फेंका नहीं था – जैसा कि पहले माना गया था – बल्कि उन्हें किसी को सौंप दिया था।
पुलिस ने कहा कि वह किशोर के रक्त के नमूनों को प्राप्त करना चाहते हैं। महाराष्ट्र लोक स्वास्थ्य विभाग के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने ‘ बताया कि किशोर को बचाने के लिए उसकी मां के रक्त के नमूने का इस्तेमाल प्रतिस्थापन के रूप में किया गया।
ज्ञात हो पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को पोर्श कार के नाबालिग चालक ने मोटरसाइकिल से जा रहे दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को कथित रूप से कुचल दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गयी थी। पुलिस ने दावा किया कि वह नशे की हालत में कार चला रहा था। नाबालिग को पब्लिक ने मौके पर खूब पिटा था।