मलयाली फिल्म निर्देशक अली अकबर पूरे परिवार के साथ कुछ समय पूर्व घर वापसी कर पुनः सनातन धर्म में आ गये थे। उन्होंने अपना नाम रामसिम्हन रखा था। उन्होंने 1921 के मालाबार में हिंदू संहार पर एक फिल्म बनाई है। इस फिल्म को पास करने से केरल के सेंसरबोर्ड ने मना कर दिया।
उन्होंने फिर केंद्रीय Central Board of Film Certification (CBFC) के पास गुहार लगाई। केंद्र की सूचना प्रसारण मंत्रालय के अधीन आने वाली इस एजेंसी ने कहा, आप पहले अपने मुस्लिम नाम अली अकबर को बहाल कीजिए फिर सोचेंगे। रामसिम्हन के अनुसार, उन पर दबाव डाला जा रहा है कि वह अपना पुराना मुस्लिम नाम फिर से रखें।
वसीम रिजवी ऊर्फ जितेन्द्र नारायण त्यागी के बाद रामसिम्हन के साथ सरकारी प्रताड़ना का यह दूसरा बड़ा मामला सामने आया है।
साफ है, घर वापसी करने वाले बड़े नामों को सरकार और सरकारी एजेंसी प्रताड़ित कर रही ताकि इनके प्रभाव में बड़े पैमाने पर मुस्लिम/ईसाई आदि पुनः हिंदू धर्म में वापस न आ जाएं। फिर सरकार कतर जैसे खाड़ी के देशों और अमेरिका को क्या जवाब देगी? यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है!